नोएडा में सड़कों पर रहने वाले बच्चों को दी जाएगी शिक्षा, शुरू हुई ये पहल
नोएडा और ग्रेटर नोएडा में सड़कों पर रहने वाले बच्चों के लिए अब विशेष क्लास लगाई जाएंगी। जिनमें अंग्रेजी बोलना सिखाया जाएगा और स्किल का विकास किया जाएगा। हर बच्चे के लिए शिक्षा बहुत जरुरी है, लेकिन सड़क पर रहने वाले बच्चों के परिवार की आर्थिक स्तिथि खराब होने के कारण वे शिक्षा प्राप्त नहीं कर पाते। मोबाइल शिक्षा इकाइयों (मोबाइल एजुकेशन यूनिट्स) के माध्यम से उन्हें असामाजिक गतिविधियों से दूर रखने के लिए एक नई पहल की गई है।
'नन्हे परिंदें' पहल की हुई शुरूआत
नोएडा पुलिस और HCL फाउंडेशन के एक साथ मिलकर 'नन्हे परिंदें' पहल की शुरूआत की है। इसके लिए एक समझौता ज्ञापन पर 22 नवंबर, 2019 (शुक्रवार) को हस्ताक्षर किए गए हैं। एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि उत्तर प्रदेश में ये अपनी तरह की पहली पहल है। यह कार्यक्रम गौतम बुद्ध नगर में कठिन परिस्थितियों में रहने वाले 1,500 से अधिक बच्चों को तीन वर्षों में शिक्षा, डिजिटल साक्षरता, बोली जाने वाली अंग्रेजी और खेल के साथ जोड़ेगा।
बच्चों को सिखाया जाएगा ये
अधिकारिक बयान में ये भी कहा गया कि पाँच मोबाइल एजुकेशन यूनिट्स को विशेष रूप से बच्चों को अकादमिक सहायता (गणित और साइंस), कला पाठ, डिजिटल साक्षरता, अंग्रेजी भाषा स्किल, खेल में कोचिंग जैसे फुटबॉल, वॉलीबॉल, एथलेटिक्स, बॉक्सिंग, कबड्डी और इनडोर गेम्स के लिए एक सुरक्षित स्थान सुनिश्चित करने के लिए स्थापित किया गया है। इस पहल से सड़क पर रहने वाले बच्चों को शिक्षा के साथ-साथ अन्य ज्ञान भी प्राप्त होगा।
कम होगी अपराध की दर
इस पहल से स्थानीय पुलिस अधिकारियों और गैर सरकारी संगठनों के कर्मचारियों की देखरेख में शिक्षा गतिविधियों, कोचिंग और स्कूल-बाद सहायता क्लास का संचालन करके समुदाय में स्कूल छोड़ने और किशोर अपराध की दर को कम करने की उम्मीद है। गौतम बौद्ध नगर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक वैभव कृष्ण ने कहा कि स्ट्रीट चिल्ड्रन को गुणवत्तापूर्ण जीवन देने और अपराध और असामाजिक गतिविधियों से दूर रखने के लिए उन्हें सिखाने और पोषण प्रदान करने पर ध्यान केंद्रित किया गया है।