UPSC की तैयारी के लिए कैसे बनाएं समय सारिणी? इन चीजों का रखें ध्यान
संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) की सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी के लिए उम्मीदवारों को समय सारिणी (टाइमटेबल) बनाने की सलाह दी जाती है। संरचित अध्ययन सारिणी परीक्षा तैयारी के लिए एक रोडमैप का काम करती है, इससे सुनिश्चित होता है कि आपको प्रत्येक विषय के लिए कितना समय देना है। संरचित सारणी से तैयारी के दौरान संतुलित दृष्टिकोण बनाए रखने में मदद मिलती है। आइए जानते हैं उम्मीदवार तैयारी के लिए अच्छी समय सारिणी कैसे बना सकते हैं।
अपने उपलब्ध समय का आंकलन करें
समय सारिणी बनाने से पहले उम्मीदवार अपने पास उपलब्ध समय का आंकलन करें। आप प्रतिदिन और प्रति सप्ताह पढ़ाई के लिए कितना समय दे सकते हैं, इसे निर्धारित करें। उन घंटों की पहचान करें जिन्हें आप नींद, भोजन, ब्रेक जैसी अन्य आवश्यक गतिविधियों से समझौता किए बिना अध्ययन के लिए समर्पित कर सकते हैं। अगर आप कॉलेज या नौकरी के साथ परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं तो इस हिसाब से समय सारिणी में बदलाव करें।
यथार्थवादी लक्ष्य निर्धारित करें
एक अच्छी समय सारिणी में दैनिक और साप्ताहिक लक्ष्यों को जरूर शामिल करें। पूरे दिन के समय को अलग-अलग अध्ययन सत्रों में बांट लें और इनके लिए लक्ष्य बनाएं। उम्मीदवार एक निश्चित संख्या में अध्यायों को पूरा करने या उत्तर लेखन के अभ्यास का लक्ष्य बना सकते हैं। उम्मीदवार केवल यथार्थवादी लक्ष्य बनाएं। अगर आप कठिन और ज्यादा समय की मांग करने वाले लक्ष्य बनाएंगे तो समय सारिणी का पालन करना मुश्किल हो जाएगा।
विषयों को प्राथमिकता दें
UPSC परीक्षा के लिए कुछ विषय काफी महत्वपूर्ण हैं, इन्हें ज्यादा पढ़ने की जरूरत होती है। ऐसे में अपनी दक्षता और परीक्षा के अनुसार विषयों को उच्च प्राथमिकता, मध्यम प्राथमिकता और निम्न प्राथमिकता में विभाजित करें। उन विषयों को ज्यादा समय दें, जो आपको चुनौतीपूर्ण लगते हैं। उदाहरण के लिए सुबह का समय उन विषयों के लिए आरक्षित करें जिनमें अधिक एकाग्रता की आवश्यकता होती है और शाम का समय रिवीजन के लिए रखें।
ब्रेक शामिल करें
अध्ययन सारिणी में ब्रेक को शामिल करना बेहद जरूरी है। अगर आप बिना थकावट के पूरे दिन पढ़ाई करना चाहते हैं तो दिन में छोटे-छोटे ब्रेक लें। उम्मीदवार एकाग्रता के साथ पढ़ाई करने के लिए पोमोडोरो तकनीक का इस्तेमाल कर सकते हैं। समय सारिणी को लचीला रखें ताकि अध्ययन आवश्यकताओं के हिसाब से आप जरूरी बदलाव कर सकें। अध्ययन सारिणी में अवकाश गतिविधियों को जरूर शामिल करें, इससे शारीरिक और मानसिक तनाव से निजात मिलेगी।
रिवीजन और उत्तर लेखन के लिए समय रखें
जानकारियों को लंबे समय तक बनाए रखने के लिए नियमित तौर पर रिवीजन करना जरूरी है। ऐसे में अपनी अध्ययन सारिणी में दैनिक, साप्ताहिक और मासिक आधार पर रिवीजन सत्रों को शामिल करें। प्रतिदिन कम से कम 1 घंटा रिवीजन के लिए रखें। पाठ्यक्रम के कुछ अनुभागों को कवर करने के बाद उत्तर लेखन का अभ्यास करना भी जरूरी है। ऐसे में महत्वपूर्ण विषयों के उत्तर लेखन के लिए विशिष्ट दिन समर्पित करें।