बोर्ड परीक्षाएं नजदीक आते ही बढ़ गया है तनाव का स्तर? अपनाएं ये टिप्स
10वीं और 12वीं में पढ़ने वाले अभ्यर्थियों के सामने बोर्ड परीक्षाएं एक बड़ी चुनौती होती है। परीक्षाओं में अच्छा प्रदर्शन करने के लिए उम्मीदवार पूरी मेहनत के साथ पढ़ाई करते हैं। कई बार पढ़ाई के बोझ के कारण उम्मीदवारों में तनाव का स्तर भी बढ़ जाता है और उनके शैक्षणिक प्रदर्शन पर नकारात्मक असर पड़ता है। आइए जानते हैं कि छात्र बोर्ड परीक्षाओं के दौरान होने वाले तनाव से कैसे निपट सकते हैं।
पाठ्यक्रम को छोटे-छोटे भागों में बांटें
बोर्ड परीक्षा के दौरान पाठ्यक्रम पूरा न कर पाने से उम्मीदवारों के बीच तनाव का स्तर बढ़ता है। ऐसे में पाठ्यक्रम को छोटे-छोटे भागों में बांट लें। एक संरचित अध्ययन योजना बनाएं और प्रत्येक विषय के लिए उचित समय समर्पित करें। जटिल विषयों को प्राथमिकता दें और प्रत्येक दिन का लक्ष्य पूरा करें। अगर आप सभी विषयों के पाठ्यक्रम को निर्धारित गति के साथ पूरा करते जाएंगे तो तनाव बिल्कुल नहीं होगा।
मदद मांगने में संकोच न करें
बोर्ड परीक्षा की तैयारी के दौरान कई छात्र खुद को अकेला कर लेते हैं। वे अपने सहपाठियों, शिक्षकों और अभिभावकों से कोई भी परेशानी साझा नहीं करते। इससे तनाव और घबराहट की स्थिति पैदा होती है। ऐसे में छात्र शैक्षणिक समस्या आने पर अपने शिक्षकों से संपर्क करें। बहुत ज्यादा नकारात्मक विचार आ रहे हैं तो परिवार और मित्रों से साझा करें। बोर्ड परीक्षा में अच्छे प्रदर्शन के लिए पूर्व अनुभवी छात्रों से मार्गदर्शन जरूर लें।
गलतियों से सीखें
तैयारी के दौरान गलतियां होना आम बात है, लेकिन कई बार छात्र ज्यादा गलतियां होने की वजह से तनाव में आ जाते हैं। ऐसी स्थिति में निराश होने की अपेक्षा अपनी गलतियों से सीखें। सवालों का अभ्यास करें और उन बुनियादी गलतियों का पता लगाएं जो आप बार-बार दोहरा रहे हैं। इन त्रुटियों का विश्लेषण करें और गलती होने के पीछे का कारण समझें। इस तरह आप असफलताओं को भी विकास के अवसरों में बदल सकते हैं।
बुनियादी बातों पर गौर करें
कई बार पाठ्यक्रमों की जटिल अवधारणाएं याद न होने के कारण उम्मीदवार तनावग्रस्त हो जाते हैं। ऐसे में उम्मीदवार जटिल सिद्धांतों से ज्यादा बुनियादी बातों पर गौर करें। मूलभूत अवधारणाओं की नींव मजबूत करें। एक मजबूत आधार आपको उन्नत सवालों को आत्मविश्वास के साथ हल करने में मदद करेगा। उम्मीदवार अध्ययन की दिनचर्या में निष्क्रिय रूप से रटने की प्रक्रिया को हटा दें और सक्रिय शिक्षण तकनीके अपनाएं, इससे तनाव का स्तर कम हो सकेगा।
स्वस्थ आदतें अपनाएं
एक स्वस्थ्य शरीर में एक संपन्न दिमाग होता है। ऐसे में अभ्यर्थी स्वस्थ्य आदतें अपनाएं, संतुलित आहार और पर्याप्त नींद लें। नियमित रूप से व्यायाम और मेडिटेशन करें। इससे पूरे शरीर में ऊर्जा का संचार होता है और आप दोगुनी गति से पढ़ाई कर सकते हैं। याद रखें कि स्वास्थ्य की देखभाल आपके प्रदर्शन को कई गुना बेहतर कर सकती है। इसके अलावा उम्मीदवार पढ़ाई के दौरान बर्नआउट की स्थिति से बचने के लिए छोटे-छोटे ब्रेक भी लें।