NEET UG परीक्षा से जुड़े इन मिथकों पर न करें विश्वास, तैयारी पर पड़ेगा नकारात्मक असर
राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (NEET) एक मेडिकल प्रवेश परीक्षा है। इसे पास करने के बाद उम्मीदवारों को देश के शीर्ष शिक्षा संस्थानों के मेडिकल पाठ्यक्रमों में दाखिला मिलता है। हर साल NEET UG परीक्षा में लाखों उम्मीदवार शामिल होते हैं। इस परीक्षा को लेकर समाज और सोशल मीडिया में बहुत सारे मिथक मौजूद हैं। ये मिथक उम्मीदवारों में तनाव बढ़ाते हैं। आइए इस परीक्षा से संबंधित कुछ मिथक और उनकी सच्चाई जानते हैं।
केवल टॉपर्स ही पास कर सकते हैं परीक्षा
NEET को लेकर सबसे आम मिथक ये है कि इसे केवल टॉपर्स ही पास कर सकते हैं, लेकिन ये गलत है। पिछले कुछ वर्षों में शीर्ष रैंकर्स के अकादमिक रिकॉर्ड पर नजर डालने से ये मिथक आसानी से तोड़ा जा सकता है। शीर्ष स्थान प्राप्त करने वाले कई छात्र औसत शैक्षिक पृष्ठभूमि से आते हैं। ऐसे में पिछला शैक्षणिक प्रदर्शन मायने नहीं रखता। NEET में शामिल होने के लिए 12वीं में न्यूनतम 50 प्रतिशत अंकों से पास होना जरूरी हैं।
बिना कोचिंग के नहीं मिलेगी सफलता
कई लोगों का मानना है कि कोचिंग के बिना NEET UG में सफलता नहीं मिलती, जबकि ऐसा नहीं है। कई प्रतिभागी बिना कोचिंग के ही अच्छी नंबरों से पास हो जाते हैं। इंटरनेट के जमाने में अभ्यर्थियों तक जानकारियों की पहुंच बढ़ी है। उम्मीदवार यूट्यूब चैनल्स के माध्यम से घर बैठे पढ़ाई कर सकते हैं। परीक्षा में सफलता कोचिंग पर निर्भर नहीं करती है। सफलता के लिए सही दिशा में पूरी मेहनत के साथ तैयारी करना आवश्यक है।
1 साल का ड्रॉप लेना है जरूरी
लोगों के बीच ये मिथक लोकप्रिय है कि NEET पास करने के लिए 1 साल का ड्रॉप लेना जरूरी है, लेकिन ये सही नहीं है। तैयारी के लिए 1 साल का ड्रॉप लेना व्यक्तिगत पसंद है, ये हर छात्र के लिए जरूरी नहीं है। कई छात्र स्कूल के दौरान तैयारी शुरू कर देते हैं और 12वीं के बाद पहले ही प्रयास में परीक्षा पास कर लेते हैं। अगर आप जल्दी तैयारी शुरू करते हैं तो ड्रॉप लेना आवश्यक नहीं है।
जीव विज्ञान को सबसे ज्यादा प्राथमिकता देना
NEET की तैयारी के दौरान केवल जीव विज्ञान को प्राथमिकता देना बिल्कुल भी सही नहीं है। निश्चित रूप से मेडिकल में जीव विज्ञान प्रमुख विषय है, लेकिन परीक्षा में भौतिक विज्ञान और रसायन विज्ञान से भी सवाल पूछे जाते हैं। ऐसे में उम्मीदवारों को तीनों विषयों को समान महत्व देना चाहिए। अगर आप किसी एक विषय को ज्यादा प्राथमिकता देकर अन्य विषयों को अनदेखा करेंगे तो सफलता की संभावनाएं कम हो जाएंगी।
14 से 16 घंटे करनी होगी पढ़ाई
कई उम्मीदवारों के बीच ये धारणा है कि NEET की तैयारी के लिए आपको हर दिन 14 से 16 घंटे पढ़ाई करनी होगी, लेकिन ये सही नहीं है। अगर आप पूरी तरह केंद्रित होकर 8 से 10 घंटे पढ़ाई करेंगे तो भी सफल हो सकेंगे। पढ़ाई के लिए घंटे गिनने की अपेक्षा गुणवत्ता पर ध्यान दें। कई उम्मीदवार सीमित घंटे पढ़ाई करके भी अच्छा प्रदर्शन कर पाते हैं। ऐसे में पढ़ाई का समय उम्मीदवार की क्षमताओं पर निर्भर करता है।