टेलीकॉम कंपनियों को बड़ी राहत, सुप्रीम कोर्ट ने बकाया चुकाने के लिए दिए 10 साल
टेलीकॉम कंपनियों को एक बड़ी राहत देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें सरकार का बकाया चुकाने के लिए 10 साल का समय दिया है। अपने फैसले में कोर्ट ने कहा कि कंपनियों को अपने बकाये का 10 प्रतिशत हिस्सा 31 मार्च, 2021 तक जमा करना होगा और इसके बाद हर साल 7 फरवरी को अपना बकाया चुकाना होगा। अगर कंपनियां तय समय पर बकाये का भुगतान नहीं करतीं तो इसे कोर्ट की अवमानना माना जाएगा।
क्या है पूरा मामला?
टेलीकॉम कंपनियों को अपने राजस्व (AGR) का एक हिस्सा लाइसेंस फीस और स्पेक्ट्रम शुल्क के तौर पर सरकार को देना होता है। कंपनियों और दूरसंचार विभाग (DoT) के बीच AGR की परिभाषा को लेकर विवाद के बाद सुप्रीम कोर्ट में इसे लेकर सुनवाई हुई थी। अक्टूबर, 2019 में अपना फैसला सुनाते हुए सुप्रीम कोर्ट ने DoT की परिभाषा को सही बताया और टेलीकॉम कंपनियों को सरकार को बकाया रकम अदा करने का आदेश दिया।
सरकार के कंपनियों पर 1.47 लाख करोड़ रुपये बकाया
एक अनुमान के अनुसार, सभी कंपनियों पर मिलाकर सरकार के लगभग 1.47 लाख करोड़ रुपये बकाया हैं जिसमें सबसे अधिक 53,000 करोड़ रुपये वोडाफोन-आइडिया पर बकाया हैं। वहीं भारती एयरटेल पर लगभग 21,000 करोड़ रुपये बकाया हैं।
सरकार के कंपनियों पर लगभग 1.47 लाख करोड़ रुपये बकाया
तुरंत बकाया चुकाने में असमर्थता जाहिर करते हुए टेलीकॉम कंपनियों ने सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका भी दायर की थी, लेकिन इस साल 14 फरवरी को इसे खारिज करते हुए कोर्ट ने कंपनियों को तत्काल बकाया चुकाने को कहा। हालांकि सरकार और कंपनियों की तरफ से इस फैसले पर अमल नहीं किया गया जिसके बाद कोर्ट ने दोनों को जमकर फटकार लगाई और कंपनियों के खिलाफ कोर्ट की अवमानना का मामला शुरू किया।
कंपनियों को 20 साल तक का समय देने को तैयार थी सरकार
इसके बाद हुई सुनवाई में टाटा टेलीकॉम ने सुप्रीम कोर्ट से बकाया चुकाने के लिए कम से कम सात से 10 साल का समय मांगा, वहीं वोडाफोन-आइडिया और एयरटेल ने 15 साल के अंदर बकाया चुकाने की बात कही। सरकार की ओर से DoT ने 20 साल के अंदर बकाये चुकाने के कैबिनेट के प्रस्ताव को ही आगे बढ़ाया। अब आज अपने फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने कंपनियों को 31 मार्च, 3031 तक बकाया चुकाने को कहा है।
कोर्ट ने कंपनियों के खिलाफ अवमानना के मामले को किया खत्म
सुप्रीम कोर्ट ने कंपनियों के खिलाफ शुरू किए गए अवमानना के मामले को भी खत्म कर दिया है और सभी कंपनियों के मैनेजिंग डायरेक्टर्स को चार हफ्ते के अंदर व्यक्तिगत गारंटी देने को कहा है।
वोडाफोन-आइडिया को सबसे बड़ी राहत, लटक रही थी बंद होने की तलवार
सुप्रीम कोर्ट के आदेश से सबसे बड़ी राहत वोडाफोन-आइडिया को मिली है जिस पर भारत में अपना कारोबार बंद करने की तलवार लटक रही थी। कंपनी ने अपने एक बयान में कहा था कि अगर सरकार उसे किश्तों में बकाया रकम का भुगतान करने का विकल्प नहीं देती तो उसे भारत में अपना कार्य बंद करना पड़ेगा। घाटे में चल रही वोडाफोन-आइडिया के शीर्ष अधिकारियों ने भी मामले में सरकार की मदद मांगी थी।