इस साल भारत में वेतन वृद्धि आएगी गिरावट, 8.8 प्रतिशत रहने का है अनुमान
क्या है खबर?
भारत में कंपनियों की औसत वेतन वृद्धि 2025 में घटकर 8.8 प्रतिशत होने की उम्मीद है, जो 2024 में 9 प्रतिशत थी।
डेलॉयट के सर्वेक्षण के अनुसार, कंपनियां मुआवजा लागत को नियंत्रित करने पर ध्यान दे रही हैं, जिससे वेतन वृद्धि कम हो सकती है।
2020-21 को छोड़कर, यह एक दशक में सबसे कम वेतन वृद्धि होगी। सर्वेक्षण में पाया गया कि 75 प्रतिशत कंपनियां वेतन वृद्धि को कम करने या स्थिर रखने की योजना बना रही हैं।
असर
उपभोक्ता क्षेत्र में वेतन वृद्धि पर अधिक असर
रिपोर्ट के अनुसार, कई उद्योग वेतन वृद्धि को स्थिर रखेंगे, लेकिन उपभोक्ता उत्पाद क्षेत्र में सबसे अधिक गिरावट आ सकती है।
आर्थिक मंदी के कारण भारतीयों की खरीदारी कम हुई, जिससे कई कंपनियों की तिमाही आय पर असर पड़ा।
इसके बावजूद, बहुत सी कंपनियां प्रमुख प्रतिभाओं को बनाए रखने की कोशिश करेंगी और शीर्ष प्रदर्शन करने वालों को औसत कर्मचारियों की तुलना में 1.7 गुना अधिक वेतन वृद्धि मिल सकती है।
पदोन्नति
पदोन्नति है स्थिर
सर्वे के अनुसार, कंपनियों में पदोन्नति का स्तर स्थिर रहेगा, और लगभग 12 प्रतिशत कर्मचारियों को पदोन्नति मिलने की उम्मीद है।
हालांकि, वेतन में अधिक वृद्धि नहीं होगी। 2024 में कर्मचारियों की संख्या में कमी देखी गई, जो 17.4 प्रतिशत तक पहुंच गई।
80 प्रतिशत कंपनियां अगले वित्तीय वर्ष में नए कर्मचारियों की भर्ती करने की योजना बना रही हैं, जिससे बाजार में कुछ हद तक सकारात्मकता बनी हुई है।