
महादेव बेटिंग ऐप मामले ने ED ने इजमायट्रिप CEO निशांत पिट्टी के खिलाफ शुरू की जांच
क्या है खबर?
प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने इजमायट्रिप के CEO निशांत पिट्टी के खिलाफ जांच शुरू की है।
यह जांच महादेव बेटिंग ऐप घोटाले से जुड़ी है, जिसमें स्काई एक्सचेंज नाम का एक अवैध सट्टेबाजी मंच शामिल है।
इकोनॉमिक टाइम्स (ET) की रिपोर्ट के मुताबिक, पिट्टी पर स्काई एक्सचेंज की गतिविधियों की जानकारी रखने का आरोप है।
ED को शक है कि वे इस सट्टेबाजी नेटवर्क से जुड़े रहे हैं और उन्होंने जुड़ी कंपनियों को भुगतान भी किया था।
मामला
ED को किस बात का शक?
ED का आरोप है कि इजमायट्रिप ने 2021 में स्काई एक्सचेंज से जुड़ी 2 शेल कंपनियों को भुगतान किया था। ये कंपनियां सिर्फ कागज पर चलती हैं और पैसों की आवाजाही छिपाने के लिए इस्तेमाल होती हैं।
ED को पिट्टी के घर से 7 लाख रुपये नकद मिले, जिसे वे अवैध कमाई से जोड़कर देख रही है।
जांच एजेंसी का मानना है कि इन पैसों का संबंध स्टॉक हेरफेर और सट्टेबाजी नेटवर्क से हो सकता है।
आशंका
स्टॉक बाजार में हेरफेर की आशंका
जांच में यह भी सामने आया है कि पिट्टी एक ऐसे ऑपरेटर से संपर्क में थे, जो कंपनियों के प्रमोटरों के साथ मिलकर स्टॉक की कीमतें बढ़ा-घटा रहा था।
इस साजिश में 25 कंपनियों के प्रमोटरों को शामिल बताया गया है और 350 करोड़ रुपये की अवैध फंडिंग का उपयोग किया गया।
जांच में प्रशांत बागरी नाम के व्यक्ति के लैपटॉप से पिट्टी को स्काई एक्सचेंज एजेंट बताया गया है और कहा गया है कि दोनों लगातार संपर्क में थे।
बयान
निशांत पिट्टी की सफाई और कंपनी का बयान
निशांत पिट्टी ने इन आरोपों को नकारते हुए कहा कि उन्होंने इन कंपनियों को 2017 से कोई भुगतान नहीं किया और न ही किसी स्काई एक्सचेंज एजेंट को जानते हैं।
उन्होंने बताया कि उनके परिवार ने 1,000 करोड़ रुपये से अधिक का आयकर भरा है और 70 लाख रुपये की नकद घोषणा की है।
इजमायट्रिप ने 17 अप्रैल को कहा कि कंपनी का किसी भी सट्टेबाजी ऐप से कोई संबंध नहीं है और वे जांच में पूरा सहयोग करेंगे।