
भारत में ब्याज दरें पहुंच सकती हैं 3 साल के निचले स्तर पर- रिपोर्ट
क्या है खबर?
भारत में 2025 के अंत तक ब्याज दरों में कमी की उम्मीद की जा रही है।
CNBC-TV18 की रिपोर्ट के अनुसार, प्रमुख अर्थशास्त्रियों का मानना है कि भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) रेपो रेट को 6.25 प्रतिशत से घटाकर 5.5 प्रतिशत तक ला सकता है। ऐसा इसलिए, क्योंकि आर्थिक विकास में सुस्ती और मुद्रास्फीति में गिरावट दोनों की संभावना है।
विशेषज्ञों के अनुसार, अब विकास को सहारा देना ज्यादा जरूरी है, इसलिए ब्याज दरों में कटौती की संभावना बढ़ रही है।
वजह
कटौती की मुख्य वजहें क्या हैं?
अर्थशास्त्रियों के अनुसार, 2025 में आर्थिक विकास की रफ्तार कम हो सकती है और महंगाई भी नियंत्रण में रहने की संभावना है।
RBI के लिए ऐसे समय में ब्याज दरें कम करके सस्ते कर्ज की सुविधा देना जरूरी हो जाता है।
इसके अलावा, तेल की कीमतों में गिरावट और खुदरा महंगाई में स्थिरता भी रेपो रेट घटाने के पक्ष में जाती है। अगर महंगाई 4 प्रतिशत के पास बनी रही, तो कटौती की संभावना और बढ़ेगी।
अन्य वजह
उद्योगों की हालत और RBI की सतर्कता
जनवरी, 2025 में नकदी संकट चरम पर था, लेकिन RBI के हस्तक्षेप से स्थिति सुधरी है। बैंकों के पास अब नए कर्ज देने की क्षमता बढ़ रही है। मैन्युफैक्चरिंग और उद्योग क्षेत्र में भी हालिया सुधार दिखा है।
हालांकि, वैश्विक अनिश्चितताएं अभी भी मौजूद हैं। इसलिए RBI जल्दीबाजी से बच सकता है और हर कदम सोच-समझकर उठाएगा।
विशेषज्ञों का मानना है कि नीतिगत स्थिरता बनाए रखना फिलहाल ज्यादा जरूरी है।