खुदरा महंगाई दर अक्टूबर में बढ़कर 6.21 प्रतिशत हुई, 14 महीने के उच्चतम स्तर पर पहुंची
सब्जियों समेत खाने-पीने की बढ़ती कीमतों से अक्टूबर में खुदरा महंगाई दर पिछले महीने के मुकाबले बढ़ गई। यह 6.21 प्रतिशत दर्ज की गई, जबकि पिछले महीने सितंबर में 5.49 प्रतिशत थी। सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय की ओर से जारी किए गए आंकड़े भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की 6 प्रतिशत की सहनीय सीमा से ऊपर चढ़ गई है। महंगाई दर अगस्त 2023 के बाद 14 महीनों में सबसे उच्च स्तर पर है, जो RBI सीमा का पहला उल्लंघन है।
महंगाई ने लोगों की कमर तोड़ी
महंगाई दर के आंकड़ों से महंगाई का आकलन कर सकते हैं। कुछ महीने पहले अगस्त 2024 में खुदरा महंगाई दर 3.65 प्रतिशत और जुलाई 2024 में 3.54 प्रतिशत थी। खाद्य महंगाई दर में भी अक्टूबर में काफी इजाफा हुआ है। यह 9.69 प्रतिशत हो गई, जो सितंबर में 9.24 प्रतिशत थी। ग्रामीण क्षेत्रों में मुद्रास्फीति पिछले महीने के 5.87 प्रतिशत से बढ़कर 6.68 प्रतिशत हो गई है, वहीं शहरी मुद्रास्फीति सितंबर में 5.05 प्रतिशत से बढ़कर 5.62 प्रतिशत हो गई।
महंगाई दर बढ़ने से क्या होगा असर?
सब्जियों के दामों में आग लगने से महंगाई दर में काफी बढ़ोतरी हुई है। सब्जियों की महंगाई दर अक्टूबर में 42.18 प्रतिशत रही, जो सितंबर में 35.99 प्रतिशत थी। दूध और उससे जुड़े उत्पाद की महंगाई दर 2.97 प्रतिशत थी। हालांकि, दालों की महंगाई दर में थोड़ी कमी आई है, जो 7.43 प्रतिशत रही, जो सितंबर में 9.81 प्रतिशत थी। महंगाई दर RBI के सहनीय सीमा (6 प्रतिशत) से बढ़ने से महंगी ब्याज दरों से राहत नहीं मिलेगा।