#NewsBytesExplainer: अमेरिका के दो बड़े बैंक बंद, भारतीय बैंक कितने सुरक्षित हैं?
क्या है खबर?
अमेरिका में एक के बाद एक दो बैंकों पर ताले लग गए हैं। सिलिकॉन वैली बैंक के दिवालिया होने के बाद न्यूयॉर्क के सिग्नेचर बैंक को भी बंद कर दिया है। दोनों बैंकों का नियंत्रण संघीय जमाकर्ता बीमा निगम (FDIC) ने अपने हाथों में ले लिया है।
अमेरिका के दो बड़े बैंकों के बंद होने से भारत में भी चिंताएं बढ़ गई हैं। निवेशक और आम लोगों में इसे लेकर अलग-अलग सवाल हैं।
समझते हैं भारतीय बैंक कितने सुरक्षित हैं।
वजह
क्यों बंद हुए अमेरिकी बैंक?
दोनों बैंकों के बंद होने का तत्कालिक कारण इनके शेयरों में गिरावट आना है। इस वजह से निवेशकों को बड़ा नुकसान हुआ था।
हालांकि, बैंकों के बंद होने की बड़ी वजहों में ब्याज दरों में बढ़ोतरी, रूस-यूक्रेन संकट की वजह से वैश्विक बाजार में मंदी की आशंका और स्टार्टअप से निवेशकों के मोहभंग जैसी कई बातें शामिल हैं।
फिलहाल बैंकों के बंद होने का असर दूसरे बैंकों पर न पड़े, इसके लिए नियामक संस्थाएं जरूरी तैयारी कर रही हैं।
भारतीय बैंक
क्या खतरे में हैं भारतीय बैंक?
विशेषज्ञ सिलिकॉन वैली बैंक जैसा खतरा किसी भारतीय बैंक पर होने की संभावना से इनकार कर रहे हैं।
इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए एक विशेषज्ञ ने कहा कि अमेरिका में बैंकों में बड़ी मात्रा में कॉर्पोरेट्स की पूंजी जमा है, लेकिन भारत में घरेलू बचत बैंकों में जमा है। इस वजह से भारतीय बैंकों पर खतरा नहीं है।
इसके अलावा भारत में ऐसी कोई व्यवस्था नहीं है कि बैंकों से बड़ी मात्रा में राशि एक साथ निकाली जा सके।
विशेषज्ञ
बैंकों के पीछे सरकार का विश्वास बड़ी वजह- विशेषज्ञ
विशेषज्ञों के मुताबिक, भारत में जब भी बैंकों कों संकट का सामना करना पड़ा है, तब सरकार उनकी मदद के लिए आगे आई है।
भारतीय स्टेट बैंक (SBI) के पूर्व अध्यक्ष रजनीश कुमार ने इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए कहा, "भारत में नियामक संस्थाओं का ये दृष्टिकोण रहा है कि जमाकर्ताओं का पैसा किसी भी कीमत पर सुरक्षित रहना चाहिए। इसका सबसे अच्छा उदाहरण यस बैंक पर आए संकट के समय देखा गया था।"
RBI
बड़े बैंकों को बचाता है RBI का फ्रेमवर्क
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) हर साल डोमेस्टिक सिस्टमैटिकली इंपोर्टेंट बैंक (D-SIBs) की एक सूची जारी करता है। ये काफी बड़े बैंक होते हैं, जिनके बंद होने का असर अर्थव्यवस्था समेत कई पहलुओं पर हो सकता है।
किसी भी आर्थिक संकट के समय सरकार इन बैंकों की खासतौर पर मदद करती है। RBI की ताजा जारी की गई D-SIBs की सूची में भारतीय स्टेट बैंक (SBI), HDFC बैंक और ICICI बैंक के नाम शामिल हैं।
G-20
G-20 के फ्रेमवर्क से भी मिलता है भारत को फायदा
2008 के वित्तीय संकट के बाद G-20 समूह ने फाइनेंशियल स्टेबिलिटी बोर्ड (FSB) की स्थापना की थी। ये संस्था G-20 देशों के बैंकों की सूची जारी करती हैं, जिन्हें G-SBIs कहा जाता है। ये वो बैंक होते हैं, जिनके गिरने का असर G-20 देशों की अर्थव्यवस्था पर पड़ सकता है।
ऐसे बैंकों को बोर्ड की निर्धारित गाइडलाइंस का पालन करना होता है और संकट के समय इन्हें सरकारी मदद मिलती है। भारत भी G-20 का सदस्य है।
स्टार्टअप
सिलिकॉन वैली बैंक के बंद होने का भारतीय बैंकों पर क्या असर पड़ेगा?
सिलिकॉन वैली बैंक के बंद होने का असर भारतीय बैंकों पर पड़ने की आशंका कम है, लेकिन भारतीय स्टार्टअप्स मार्केट पर इसका असर हो सकता है। दरअसल, सिलिकॉन वैली बैंक ने कई भारतीय स्टार्टअप्स में निवेश कर रखा है।
इस वजह से इन स्टार्टअप्स में फंडिंग की कमी आ सकती है। हालांकि, सरकार इस असर को कम करने के लिए स्टार्टअप के संस्थापकों से बात करने की योजना बना रही है।
सतर्कता
फिर भी सतर्कता है जरूरी
वैश्वीकरण के दौर में सभी बैंक या देशों की आर्थिक गतिविधियां एक-दूसरे से जुड़ी हुई हैं। ऐसे में किसी भी बड़े बैंक के बंद होने का असर दुनियाभर की अर्थव्यवस्था पर पड़ता है।
2008 में आई आर्थिक मंदी इस तरह के परस्पर असर का उदाहरण है, जब अमेरिका के एक बैंक की वजह से दुनियाभर की अर्थव्यवस्था को नुकसान उठाना पड़ा था।
इसी अभी भी भारत सरकार और बैंकों को सतर्कता के साथ आगे बढ़ने की आवश्यकता है।