
गूगल एंटीट्रस्ट मुकदमा सुलझाने को तैयार, निपटारे के लिए खर्च करेगी 4,200 करोड़ रुपये
क्या है खबर?
गूगल ने शेयरधारकों द्वारा दायर एक मुकदमे के निपटारे के लिए 10 वर्षों में 50 करोड़ डॉलर (लगभग 4,270 करोड़ रुपये) खर्च करने पर सहमति जताई है।
यह मुकदमा कंपनी के अनुपालन ढांचे में बदलाव की शर्तों पर आधारित है। यह समझौता शुक्रवार को अदालत में दायर किया गया और इसे मंजूरी के लिए अमेरिकी जिला जज रीता लिन को भेजा गया है।
कंपनी ने कहा है कि वह लंबी कानूनी लड़ाई से बचने के लिए कदम उठा रही है।
मामला
क्या है पूरा मामला?
मिशिगन के 2 पेंशन फंडों समेत कई शेयरधारकों ने गूगल के अधिकारियों पर आरोप लगाया था कि उन्होंने कंपनी को एंटीट्रस्ट मामलों के जोखिम में डाला।
उनका कहना था कि कंपनी के सर्च, एंड्रॉइड, ऐप वितरण और एड टेक कारोबार में प्रतिस्पर्धा कानूनों का उल्लंघन हुआ है।
उन्होंने सुंदर पिचई, लैरी पेज और सर्गेई ब्रिन जैसे अधिकारियों पर जिम्मेदारी निभाने में लापरवाही बरतने का आरोप लगाया था, जो उनके निदेशक पद की जिम्मेदारी का उल्लंघन है।
प्रक्रिया
अन्य बातें और आगे की प्रक्रिया
गूगल इस समझौते में किसी भी गलती से इनकार कर चुकी है, लेकिन अनुपालन प्रणाली मजबूत करने की बात कही है।
अब कंपनी एक स्वतंत्र निगरानी समिति और अनुपालन समितियां बनाएगी, जो पिचई को रिपोर्ट करेंगी। यह बदलाव कम से कम 4 वर्षों तक लागू रहेंगे।
शेयरधारकों को कोई पैसा नहीं मिलेगा, लेकिन वकील 8 करोड़ डॉलर (लगभग 680 करोड़ रुपये) की कानूनी फीस मांग सकते हैं। यह मामला अभी अदालत की अंतिम मंजूरी के लिए लंबित है।