
EPFO ने इस साल किए 5 बड़े बदलाव, जानिए क्या मिला फायदा
क्या है खबर?
कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) कर्मचारियों को सहुलियत देने के लिए समय-समय पर नियमों में बदलाव करता रहता है। इस साल में भी उसने कुछ अहम बदलाव किए हैं, जो इससे जुड़े खाताधारकों का काम आसान बनाते हैं।
प्रोफाइल अपडेट से लेकर पेंशन ट्रांसफर तक कई प्रक्रिया अब पहले से ज्यादा आसान, तेज और डिजिटल हो गई हैं।
आइये जानते हैं EPFO की ओर से किए गए 5 बड़े बदलाव, जिनका कर्मचारियों पर प्रभाव पड़ेगा।
प्रोफाइल अपडेट
प्रोफाइल अपडेट प्रक्रिया हुई आसान
EPFO ने प्रोफाइल अपडेट करने की प्रक्रिया आसान बना दी है। इसके लिए यूनिवर्सन अकांउट नंबर (UAN) आधार से लिंक होना चाहिए।
आपको नाम, जन्मतिथि, लिंग, राष्ट्रीयता, माता-पिता का नाम, वैवाहिक स्थिति, पति/पत्नी का नाम और नौकरी शुरू करने की तारीख जैसी जानकारियां अपडेट करने के लिए किसी दस्तावेज को अपलोड नहीं करना होगा।
सब कुछ बिना किसी परेशानी के ऑनलाइन होगा। 1 अक्टूबर, 2017 से पहले के UAN वालों को कुछ बदलाव के लिए नियोक्ता की मंजूरी आवश्यक होगी।
PF ट्रांसफर
PF खाता ट्रांसफर को लेकर बदला नियम
पहले नौकरी बदलने पर भविष्य निधि (PF) खाता ट्रांसफर कराने के लिए पुराने या नए नियोक्ता की मंजूरी जरूरी होती थी। 15 जनवरी से यह सिस्टम बदल गया है।
अब ज्यादातर मामलों में PF ट्रांसफर के लिए किसी नियोक्ता की मंजूरी की जरूरत नहीं पड़ेगी। इससे पैसा जल्दी और सीधा नए PF अकाउंट में पहुंच सकेगा।
अगर आपका UAN आधार से लिंक है और नाम, जन्मतिथि और लिंग जैसी जानकारी मेल खाती हैं तो PF ट्रांसफर तेजी से हो जाएगा।
उच्च वेतन
उच्च वेतन वालों के लिए नियम किए स्पष्ट
जिन कर्मचारियों का वेतन EPFO लिमिट से ज्यादा है और वो उस पर पेंशन लेना चाहते हैं तो उनके लिए अब नियम पूरी तरह स्पष्ट कर दिए गए हैं। इसके लिए उन्हें अतिरिक्त अंशदान देना होगा।
साथ ही जो कंपनियां EPFO में नहीं आतीं और अपनी प्राइवेट ट्रस्ट स्कीम चलाती हैं, उन्हें भी यही प्रक्रिया अपनानी होगी।
बकाया अंशदान की रिकवरी और पेमेंट अब नए तरीके से होगा, जिससे सिस्टम ज्यादा पारदर्शी और ट्रैक करने योग्य बन सके।
जॉइंट डिक्लेरेशन
जॉइंट डिक्लेरेशन हुआ आसान
EPFO ने जॉइंट डिक्लेरेशन को डिजिटल बना दिया है। यह बदलाव 16 जनवरी को किया गया है। अगर, आपका UAN आधार से लिंक या आधार से सत्यापित है तो आप जॉइंट डिक्लेरेशन फॉर्म ऑनलाइन सब्मिट कर सकते हैं।
आधार लिंक नहीं होने या सदस्य की मृत्यु हो जाने पर कार्यालय में जाकर फॉर्म जमा करना अनिवार्य होगा।
इसके अलावा सेंट्रलाइज्ड पेंशन पेमेंट सिस्टम (CPPS) शुरू कर दिया है, जिससे पेंशन सीधे NPCI के जरिए बैंक अकाउंट में भेजी जाएगी।