अडाणी समूह के बड़े निवेशकों से अमेरिका में पूछताछ, कंपनी के शेयरों में गिरावट
गौतम अडाणी का अडाणी समूह एक बार फिर संकट में आ सकता है। इस बार मामला अमेरिका में जांच से जुड़ा है। दरअसल, अमेरिका के सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज कमीशन (SEC) अडाणी समूह में पैसा लगाने वाले निवेशकों की जांच पड़ताल कर रहा है। इस खबर के आने के बाद कंपनी के शेयरों में गिरावट देखी गई है। समूह के 10 में से 8 शेयरों में 10 प्रतिशत तक की गिरावट दर्ज की गई है।
किस बात की जांच कर रही कमीशन?
ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक, ब्रुकलिन स्थित अटॉर्नी ऑफिस अडाणी समूह में पैसा लगाने वाले बड़े निवेशकों से पूछताछ कर रहा है। इसी तरह की जांच SEC भी कर रहा है। बताया जा रहा है कि जांच एजेंसी ये पता लगाने की कोशिश कर रही है कि हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट आने के बाद अडाणी समूह ने अपने निवेशकों को क्या बताया है। हाल ही में अडाणी समूह ने अमेरिका में कई रोड शो किए थे।
मामले पर अडाणी समूह का क्या कहना है?
अडाणी समूह के एक प्रवक्ता ने कहा कि उसे निवेशकों को भेजे गए किसी भी समन के बारे में जानकारी नहीं है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, जांच एजेंसियों के इस कदम का मतलब यह नहीं है कि अडाणी समूह की कंपनियों के खिलाफ किसी तरह का मामला दर्ज कर कार्रवाई की जाएगी। यह भी हो सकता है कि अमेरिकी प्रशासन अडाणी समूह की कंपनियों में निवेश करने वाले लोगों को भविष्य में दिक्कत न हो, इसलिए यह कदम उठा रही हो।
खबर आने के बाद अडाणी समूह के शेयरों में गिरावट
जांच की जानकारी सामने आने के बाद अडाणी समूह की कंपनियों के शेयरों में गिरावट देखी गई है। खबर लिखे जाने तक अडाणी एंटरप्राइजेज के शेयर 7.14 प्रतिशत की गिरावट के साथ 2,225.80 रुपये पर कारोबार कर रहे थे। अडाणी पोर्ट्स 4.4 प्रतिशत गिरकर 712.45 रुपये पर आ गया था। अडाणी पावर 5.85 प्रतिशत फिसलकर 241.70 रुपये पर आ गया था। अडाणी ट्रांसमिशन में 6.14 प्रतिशत, अडानी ग्रीन एनर्जी में 2.04 प्रतिशत, अडानी टोटल गैस में 3.33 प्रतिशत गिरावट आई।
क्या है हिंडनबर्ग रिसर्च का मामला?
24 जनवरी को अमेरिका स्थित हिंडनबर्ग रिसर्च ने अडाणी समूह को लेकर एक रिपोर्ट जारी की थी। इसमें समूह पर मनी लॉन्ड्रिंग से लेकर शेयर की कीमत बढ़ा-चढ़ाकर बताने जैसे कई आरोप लगाए गए थे। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) मामले की जांच कर रहा है। पहले SEBI को जांच के लिए 2 महीने का समय मिला था, जिसे बढ़ाकर 14 अगस्त तक कर दिया गया है।
6 सदस्यीय समिति भी कर रही है जांच
अडाणी समूह से जुड़े वित्तीय गड़बड़ी मामले की जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट ने 6 सदस्यीय विशेषज्ञ समिति भी गठित की है। पूर्व न्यायाधीश अभय मनोहर सप्रे के नेतृत्व में बनाई गई इस समिति में ओपी भट्ट, न्यायाधीश जेपी देवधर, बैंकर केवी कामथ, इंफोसिस के सह-संस्थापक नंदन निलेकणि और शेखर सुंदरेशन शामिल हैं। समिति ने प्रारंभिक जांच में कहा था कि कंपनी में गैरकानूनी निवेश के कोई सबूत नहीं मिले हैं और प्रथमदृष्टया मामले में कानून का उल्लंघन नहीं हुआ।