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रिलायंस-फ्यूचर ग्रुप डील: सुप्रीम कोर्ट ने अमेजन के पक्ष में सुनाया फैसला
सुप्रीम कोर्ट में रिलायंस समूह की हार

रिलायंस-फ्यूचर ग्रुप डील: सुप्रीम कोर्ट ने अमेजन के पक्ष में सुनाया फैसला

Aug 06, 2021
11:44 am

क्या है खबर?

मुकेश अंबानी की रिलायंस को सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका लगा है। कोर्ट ने आज फ्यूचर ग्रुप के साथ उनकी डील के मामले में अमेरिकी कंपनी अमेजन के पक्ष में फैसला सुनाया। कोर्ट ने कहा कि फ्यूचर रिेटेल के रिलायंस के विलय पर रोक लगाने वाला सिंगापुर इंटरनेशनल आर्बिट्रेशन सेंटर का फैसला सही है। अमेजन फ्यूटर रिटेल पर अपना दावा करता आया है और उनसे रिलायंस के साथ फ्यूचर के विलय को उसके समझौते के खिलाफ बताया था।

मामला

क्या है पूरा मामला?

दुनिया की सबसे दिग्गज कंपनियों में शामिल रिलायंस और अमेजन के बीच विवाद की शुरूआत पिछले साल अगस्त में हुई एक डील से हुई थी। भारी कर्ज को चुकाने के लिए फ्यूचर ग्रुप के मालिक किशोर बियानी ने अपने रिटेल और होलसेल कारोबार 'बिग बाजार' को रिलायंस समूह को बेचने के करार पर हस्ताक्षर कर दिए। दोनों कंपनियों ने ऐलान किया था कि इसके लिए रिलायंस 24,713 करोड़ रुपये चुकाएगी। लेकिन तभी ई-कॉमर्स अमेजन बीच में आ गई।

आमने-सामने

रिलायंस और फ्यूचर ग्रुप के बीच में क्यों आई अमेजन?

अमेजन का मानना है कि फ्यूचर ग्रुप से डील करने का पहला अधिकार उसका है क्योंकि उसने 2019 में 'फ्यूचर कूपन प्राइवेट लिमिटेड' नामक कंपनी के 49% शेयर्स लगभग 2,000 करोड़ रुपये में खरीदे थे। फ्यूचर कूपन और 'फ्यूचर रिटेल' दोनों अलग-अलग कंपनियां हैं, लेकिन इनके मालिक किशोर बियानी ही हैं। फ्यूचर कूपन के फ्यूचर रिटेल में लगभग 10% शेयर हैं। ऐसे में 49% शेयर खरीदने पर अमेजन के पास फ्यूचर रिटेल के भी लगभग 5% शेयर आ गए।

मांग

इस अधिकार के तहत अमेजन ने की थी डील रद्द करने की मांग

अमेजन ने जब पिछले साल 'फ्यूचर कूपन प्राइवेट लिमिटेड' के शेयर्स खरीदे, तो न केवल उसे फ्यूचर रिटेल में 5% की हिस्सेदारी मिली, बल्कि कुछ विशेष अधिकार भी मिले। इनके तहत यदि फ्यूचर ग्रुप 2019 वाली डील के 3 से 10 साल के दौरान कुछ भी बेचे तो अमेजन को उसे खरीदने का सबसे पहला अधिकार मिलेगा। इसके अलावा ग्रुप के प्रतिबंधित सूची में शामिल कंपनियों को हिस्सेदारी बेचने पर भी रोक थी। रिलायंस इस सूची में शामिल थी।

मध्यस्थता

सिंगापुर इंटरनेशल आर्बिट्रेशन सेंटर ने लगाई थी विलय पर अंतरिम रोक

अमेजन मामले में पिछले साल अंतरराष्ट्रीय सिंगापुर इंटरनेशल आर्बिट्रेशन सेंटर (SIAC) भी पहुंच गई थी और इससे डील को रद्द करने की मांग की थी। अक्टूबर में सुनाए गए अपने फैसले में SIAC ने रिलायंस और फ्यूचर डील के बीच के सौदे पर अंतरिम रोक लगा दी थी। मामला दिल्ली हाई कोर्ट भी पहुंचा जहां पहले एक जज की बेंच ने अमेजन के पक्ष में फैसला सुनाय, लेकिन डिविजन बेंच ने इस आदेश पर रोक लगा दी।

जानकारी

फैसले के बाद रिलायंस के शेयरों में गिरावट

इसके बाद अमेजन सुप्रीम कोर्ट पहुंची थी और अब उसे जहां जीत हासिल हुई है। इस फैसले के बाद आज रिलायंस के शेयर गिर गए हैं और कंपनी का शेयर 1.79 प्रतिशत गिरावट के साथ 2095.95 रुपए के स्तर पर आ गया है।