ड्राइविंग के दौरान शरीर में पानी की कमी शराब पीकर गाड़ी चलाने जितनी खतरनाक- शोध
स्पीड लिमिट का पालन न करना और शराब पीकर गाड़ी चलाना, इन दो वजहों से अक्सर लोग दुर्घटना के शिकार हो जाते हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि शरीर में पानी की कमी होने पर अगर आप ड्राइविंग करते हैं तो यह आपको मुसीबत में डाल सकता है। एक नए अध्ययन के अनुसार, ड्राइविंग के दौरान दुर्घटना की एक और वजह है पर्याप्त रूप से हाइड्रेटेड नहीं रहना। आइए जानते हैं कि इस अध्ययन में क्या कहा गया है?
क्या कहते हैं विभिन्न शोध?
यूनाइटेड किंगडम (UK) की फर्म लीजिंग ऑप्शंस ने हाल ही में ड्राइविंग की आदतों पर एक अध्ययन किया था, जिसमें यह पाया गया कि 55 प्रतिशत ड्राइवर प्रति दिन 1.8 लीटर से भी कम पानी पीते हैं। वहीं, लॉफबोरो विश्वविद्यालय के एक शोध में यह कहा गया है कि हल्के डिहाइड्रेशन से ड्राइविंग पर उतना ही प्रभाव पड़ सकता है, जितना शराब पीने के बाद वाहन चलाने से होता है।
इस प्रकार किया गया टेस्ट
साइंस डायरेक्ट द्वारा ड्राइविंग सिम्युलेटर पर परीक्षण किए गए 11 वयस्क पुरुषों को शामिल किया गया था। इसमें प्रत्येक व्यक्ति को तीन ड्राइविंग सत्रों में भाग लेना था। इसमे पहले स्टेज में उन्हें सिम्युलेटर से परिचित कराया गया था। बाद के स्टेज में उन्हे अच्छी तरह से पानी पीते हुए दो घंटे की ड्राइव करनी थी और तीसरे स्टेज में उन्हे ड्राइविंग के दौरान प्यासा रखा गया था। इस दौरान ड्राइवरों की निगरानी की जा रही थी।
क्या आए टेस्ट के नतीजे?
अध्ययन में दिमागी गतिविधि को ट्रैक करने के लिए सेंसर का इस्तेमाल किया गया था। इसमें कहा गया कि पानी की कमी से थकान, चक्कर आना, मांसपेशियों में ऐंठन, ध्यान केंद्रित न होना और सिरदर्द हो सकता है। साथ ही, अध्ययन से निष्कर्ष निकाला गया कि जिन चालकों के शरीर में पानी की कमी थी, उनमें देर से ब्रेक लगाने जैसे लक्षण दिखाई दिए। वहीं, जो लोग मधुमेह से पीड़ित हैं, उनमें डिहाइड्रेशन के प्रभाव को ज्यादा देखा गया।
इस तरह करें बचाव
ड्राइविंग के दौरान शरीर में पानी की कमी से बचने के लिए जितनी मात्रा में शरीर से एनर्जी की खपत हो रही है, उससे अधिक तरल पदार्थ लेना चाहिए। लंबी दूरी की यात्रा के दौरान कार में भरपूर पानी होना चाहिए। साथ ही, अपनी यात्रा से पहले ही कई स्टॉप की योजना बनाएं और ऑन-बोर्ड एयर कंडीशनिंग के अत्यधिक उपयोग से बचें क्योंकि यह कार के अंदर की हवा को सूखा देता है, जिससे डिहाइड्रेशन का खतरा ज्यादा होता है।