कार में ट्यूबलेस टायर लगवाना चाहते हैं? जानें इसके फायदे और नुकसान
क्या है खबर?
कार में अच्छी गुणवत्ता वाले टायर्स का होना जरूरी है। इसका असर ड्राइविंग, हैंडलिंग और परफॉर्मेंस पर पड़ता है।
वर्तमान में आने वाली ज्यादातर गाड़ियों में ट्यूबलेस टायर्स की सुविधा दी जाती है, जो कई मायनों में ट्यूब वाले टायर्स से बेहतर विकल्प हैं।
चलती कार का ट्यूब वाला टायर पंक्चर हो जाए तो बैलेंस बिगड़ने से दुर्घटना हो सकती है, जबकि ट्यूबलेस टायर्स में इसका खतरा नहीं रहता।
आइए जानते हैं ट्यूबलेस टायर के फायदे और नुकसान क्या हैं।
फायदे
पंक्चर होने पर भी कुछ दूरी तक चला सकते हैं कार
पंक्चर ट्यूबलेस टायर के साथ आप कार को सुरक्षित स्थान तक ले जा सकते हैं। पंक्चर होने पर इनमें से हवा धीर-धीरे निकलती है, जिससे गाड़ी का संतुलन नहीं बिगड़ता।
इसके अलावा ये टायर्स जल्दी गर्म नहीं होते, जिससे टायर फटने की समस्या कम आती है। ट्यूब वाले टायर के मुकाबले ट्यूबलेस डायर हल्का होता है, जिससे माइलेज भी अच्छा मिलता है।
इन टायर्स के पंक्चर को ठीक करना भी ट्यूब वाले टायर्स की तुलना में काफी आसान है।
नुकसान
ट्यूबलेस टायर के नुकसान
ट्यूबलेस टायर के फायदों के साथ कुछ नुकसान भी हैं। इन टायर्स को रिम पर एयरटाइट लगाना जरूरी है और ठीक से नहीं लगने पर ये गाड़ी का बैलेंस बिगाड़ सकते हैं। इससे दुर्घटना का खतरा रहता है।
समय के साथ टायर्स और रिम के बीच गेप बन जाने और साइडवॉल पंक्चर होने पर इन्हें बदलने के अलावा कोई विकल्प नहीं होता।
कीमत में महंगे होने के कारण इन्हें बदलना आप की जेब पर भारी पड़ता है।