
इजरायल ने ईरान पर अभी क्यों किया हमला और क्या अमेरिका की कोई भूमिका है?
क्या है खबर?
मध्य-पूर्व में युद्ध का एक और मोर्चा खुल गया है। आज तड़के इजरायल ने ईरान के कम से कम 6 परमाणु और सैन्य ठिकानों पर हमला किया है।
इजरायल ने इसे ऑपरेशन 'राइजिंग लॉयन' नाम दिया है, जिसमें ईरान के शीर्ष सैन्य अधिकारी और परमाणु वैज्ञानिक मारे गए हैं।
बीते कुछ दिनों से अमेरिका की क्षेत्र में हलचल और परमाणु वार्ता को लेकर हमले का अंदेशा लग रहा था। आइए जानते हैं इजरायल ने अभी क्यों हमला किया।
वजह
इजरायल ने अभी क्यों किया हमला?
इजरायल का कहना है कि ईरान ने कई परमाणु हथियार बनाने के लिए पर्याप्त संवर्धित यूरेनियम जमा कर लिया है।
एक वरिष्ठ इजरायली सैन्य अधिकारी ने रॉयटर्स को बताया कि ईरान कुछ ही दिनों में 15 परमाणु बम बना सकता है। इस वजह से इजरायल ने इसे अपने अस्तित्व के लिए जरूरी कदम बताया।
वहीं, ईरान-अमेरिका के बीच चल रही परमाणु वार्ता भी अधर में है। 15 जून को दोनों देशों के बीच ओमान में अगली वार्ता होने वाली थी।
अमेरिका
हमले में अमेरिका की क्या भूमिका रही?
अमेरिका ने आधिकारिक तौर पर हमले में किसी भी तरह की भूमिका होने से इनकार किया है।
विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने कहा कि इजरायल ने एकतरफा कार्रवाई की है।
उन्होंने कहा, "आज रात इजरायल ने ईरान के खिलाफ एकतरफा कार्रवाई की। हम ईरान के खिलाफ हमलों में शामिल नहीं हैं और हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता क्षेत्र में अमेरिकी सेना की रक्षा करना है। ईरान को अमेरिकी हितों या कर्मियों को निशाना नहीं बनाना चाहिए।"
हमला
क्या अमेरिका को हमले की जानकारी नहीं थी?
हमले से एक दिन पहले अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा था कि ईरान पर इजरायली हमला बहुत अच्छी तरह से हो सकता है। हालांकि, उन्होंने शांतिपूर्ण समाधान का आग्रह किया था।
इससे पहले अमेरिका ने इराक, जॉर्डन और कई खाड़ी देशों से अपने दूतावास और मिशनों से गैर-जरूरी कर्मियों को वापस बुला लिया था
बगदाद समेत कुछ और जगहों पर अमेरिकी दूतावास को आंशिक रूप से खाली कराया गया था।
मदद
अमेरिकी मदद के बगैर हमले संभव नहीं- जानकार
जानकारों का कहना है कि अमेरिका को बिना सूचित किए या उसकी मदद के बगैर इजरायल ने हमला नहीं किया है। ट्रंप के बयान, मध्य-पूर्व से कर्मियों की वापसी और परमाणु वार्ता में गतिरोध इसके संकेत हैं।
हमलों के बाद ट्रंप ने कहा कि ईरान के पास अभी भी समझौता करने का समय है। उन्होंने कहा कि और भी योजनाबद्ध हमले हो सकते हैं।
ये संकेत देते हैं कि अमेरिका भी कुछ स्तर तक हमलों में शामिल हैं।
हमला
हमलों में कितना नुकसान हुआ?
इजरायल ने ईरान के 6 परमाणु और सैन्य ठिकानों पर हमला किया है। ये हमले तेहरान, तबरीज, करमानशाह, अराक, नतांज और इस्फाहान में किए गए हैं।
इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा कि ईरान ने परमाणु हथियार बनाने की दिशा में कदम बढ़ाए हैं, इसलिए हमले किए गए।
जवाब में ईरान ने करीब 100 ड्रोन दागे, जिन्हें इजरायल ने मार गिराया।
ईरान के सुप्रीम नेता अयातुल्ला खामनेई ने कहा कि इजराइल को इस हमले के लिए सजा मिलेगी।