
#NewsBytesExplainer: शटडाउन क्या होता है और इसका अमेरिकी अर्थव्यवस्था पर क्या असर होगा?
क्या है खबर?
अमेरिका में शटडाउन लागू हो गया है। ऐसा इसलिए हुआ, क्योंकि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप संसद से व्यय विधेयक को पारित नहीं करा पाए। उन्हें 60 वोट चाहिए थे, लेकिन केवल 55 सांसदों का ही समर्थन मिल पाया। इससे अमेरिकी सरकार के लगभग सभी गैरजरूरी कामकाज ठप हो गए हैं। ये तब तक ठप रहेंगे, जब तक संसद व्यय विधेयक को पारित नहीं कर देती। आइए समझते हैं शटडाउन क्या होता है और इसका क्या असर होगा।
शटडाउन
क्या होता है शटडाउन?
सरकारी शटडाउन तब होता है, जब संघीय सरकार को चलाने के लिए जरूरी फंडिंग खत्म हो जाती है। अमेरिकी संविधान के तहत, सरकारी विभागों और कार्यक्रमों को चलाने के लिए संसद को हर साल व्यय विधेयक पारित करने होते हैं। ऐसे विधेयक पारित न होने पर सरकार के पास खर्च करने का कानूनी अधिकार नहीं रहता। आसान भाषा में समझें तो शटडाउन का मतलब सरकार के पास पैसे खत्म हो जाना है।
असर
शटडाउन के दौरान क्या-क्या होता है?
शटडाउन के दौरान सरकार वे सभी काम बंद कर देती है, जो उसे गैरजरूरी लगते हैं। कई सरकारी विभागों में कामकाज बंद हो जाता है या कर्मचारियों का वेतन कम किया जाता है। संग्रहालय, पार्क जैसे स्थलों को सरकार तुरंत बंद कर देती है। हालांकि, देश की सुरक्षा और आपातकालीन कामकाज चलते रहते हैं। सेना, एयर ट्रैफिक कंट्रोल, सीमा सुरक्षा, पेंशन और चिकित्सकीय सेवाएं जारी रहती हैं। सरकार इन क्षेत्रों के कर्मचारियों को बिना वेतन दिए काम करवा सकती है।
असर
शटडाउन का क्या असर होगा?
शटडाउन का सबसे बड़ा असर नौकरियों पर होगा। कई विभाग अपने ज्यादातर कर्मचारियों को जबरन छुट्टी पर भेज देंगे, या उन्हें कम वेतन देंगे या बिना वेतन ही काम कराएंगे। कुछ विभाग कर्मचारियों को स्थायी तौर पर भी नौकरी से निकाल सकते हैं। अनुमान है कि अमेरिकी सरकार लगभग 7.50 लाख संघीय कर्मचारियों को छुट्टी पर भेजे सकता है। इनमें से कुठ को बर्खास्त भी किया जा सकता है। इससे रोजमर्रा की कई सेवाएं प्रभावित होंगी।
अर्थव्यवस्था
अमेरिका की अर्थव्यवस्था पर क्या होगा असर?
नेशनवाइड की कैथी बोस्टजैंसिक और ओरेन क्लाचकिन का अनुमान है कि शटडाउन से हर हफ्ते अमेरिकी GDP वृद्धि दर में 0.2 प्रतिशत की गिरावट आ सकती है। स्टैनफोर्ड इंस्टीट्यूट ऑफ इकोनॉमिक पॉलिसी रिसर्च के डैनियल हॉर्नंग ने अलजजीरा से कहा, "मुख्य जोखिम यह है कि अर्थव्यवस्था पहले से ही अनिश्चित स्थिति में हैं। श्रम बाजार कमजोर हो गया है। टैरिफ के कारण मुद्रास्फीति का जोखिम बना हुआ है। इसलिए, यह अनिश्चित है कि अर्थव्यवस्था स्थितियों को कितना सहन कर पाएगी।"
विशेषज्ञ
अमेरिकी बाजार पर क्या होगा असर?
ऐतिहासिक रूप से शटडाउन से वित्तीय बाजारों पर कम असर पड़ता रहा है, क्योंकि निवेशक मानते हैं कि शटडाउन अल्पकालिक होता है। हॉर्नंग ने कहा, "आम तौर पर शटडाउन में इक्विटी बाजारों या बांड बाजारों पर ज्यादा प्रभाव नहीं पड़ता है, क्योंकि निवेशक मानते हैं शटडाउन हटने पर अस्थायी मंदी भी हट जाएगी। हालांकि, इस बार परिस्थितियां अलग हैं, क्योंकि सरकार कर्मचारियों को छुट्टी पर भेजने के बजाय नौकरियों में कटौती करने की योजना बना रही है।"
पूर्व के शटडाउन
क्या अमेरिका में पहले भी कभी लगा है शटडाउन?
अमेरिका में पिछले 5 दशकों में 20 बार शटडाउन हुआ है। सबसे लंबा शटडाउन ट्रंप के पिछले कार्यकाल में 2019 में हुआ था, जो 35 दिन चला था। ट्रंप के पिछले कार्यकाल में कुल 3 बार सरकार को शटडाउन का सामना करना पड़ा था। 2018 के शटडाउन के दौरान सरकार को 25,000 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ था। वेतन नहीं मिलने की वजह से एयरपोर्ट कर्मचारी काम करने नहीं गए थे, जिससे कई उड़ानें रद्द हुई थीं।
वजह
अमेरिका में शटडाउन के हालात क्यों बने?
दरअसल, डेमोक्रेटिक पार्टी चाहती थी कि स्वास्थ्य बीमा की सब्सिडी बढ़ाई जाए और ट्रंप के बिग ब्यूटीफुल विधेयक में शामिल स्वास्थ्य व्यय में कटौती के फैसले को पलटा जाए। वहीं, रिपब्लिकन पार्टी का कहना था कि इससे सरकारी खर्च बढ़ेगा और दूसरे काम प्रभावित होंगे। सहमति बनाने के लिए दोनों पार्टियों के नेताओं ने बैठक की, जो बेनतीजा रही। इसके बाद व्यय विधेयक पर मतदान हुआ। विधेयक के समर्थन में 55 वोट पड़े, जो 60 के बहुमत से कम थे।