भारतीयों के लिए खुशखबरी, ट्रम्प ने ट्वीट कर कहा- आसान होंगे H-1B वीजा के नियम
अमेरिका के H-1B वीजा को लेकर परेशान भारतीयों को जल्द ही बड़ी राहत मिल सकती है। खुद अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने ट्वीट करते हुए H-1B वीजा धारकों को भरोसा दिया है कि जल्द ही सरकार ऐसे नियम लाने जा रही है जिससे उन्हें अमेरिका में रहने का भरोसा मिलेगा और इससे अमेरिकी नागरिकता का रास्ता भी बनेगा। ट्रम्प का यह बयान H-1B वीजा पर उनके पुराने सख्त रवैये में नरमी का संकेत देता है।
प्रतिभाशाली पेशेवरों का अमेरिका में स्वागत
ट्रम्प ने ट्वीट करते हुए कहा, 'अमेरिका के H-1B वीजा धारक इस बात को लेकर आश्वस्त हो सकते हैं कि जल्द ही ऐसे बदलाव आने जा रहे हैं जिनके उनका यहां रूकना आसान होगा और उनको यहां रहने का भरोसा मिलेगा।' उन्होंने यह भी कहा कि इन बदलावों के बाद अमेरिकी नागरिकता का एक संभावित रास्ता भी खुलेगा। ट्रम्प ने आगे कहा कि हम प्रतिभाशाली और उच्च कौशल लोगों को अमेरिका में करियर बनाने के लिए बढ़ावा देना चाहते हैं।
H-1B वीजा पर नरम हुआ ट्रम्प का रवैया
भारतीय हैं सबसे अधिक H-1B वीजा धारक
अमेरिका में रह रहे कुल H-1B वीजा धारियों में हर चार में से लगभग तीन भारतीय हैं। यहां काम करने वाली भारतीय आईटी कंपनियों में ज्यादातर कर्मचारी H-1B वीजा धारक होते हैं। अमेरिकी श्रम मंत्रालय के अनुसार हर साल दिए जाने वाले कुल 85,000 H-1B वीजा में से 60 फीसदी भारतीय कंपनियों को दिए जाते हैं। ट्रम्प के राष्ट्रपति बनने के बाद H-1B वीजा के नियमों में बदलाव होने के बाद सबसे ज्यादा असर भारतीयों पर ही पड़ा था।
क्या है H-1B वीजा?
H-1B वीजा एक गैर-प्रवासी वीजा है जिससे अमेरिका में काम कर रही कंपनियों को उन क्षेत्रों में विदेशी पेशेवरों को नौकरी देने की अनुमति मिलती हैं, जिनमें अमेरिकी पेशेवरों की कमी है। यह वीजा अधिकतम 6 साल तक दिया जा सकता है। H-1B वीजा धारक पांच साल बाद अमेरिकी नागरिकता के लिए आवेदन कर सकते हैं। अमेरिकी नागरिक यह आरोप लगाते हैं कि कंपनियां इस वीजा का गलत इस्तेमाल करके कम सैलरी लेने वाले विदेशी कर्मचारियों को रख लेती हैं।
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