मुफ्त में सैनिटरी उत्पाद उपलब्ध कराने वाला पहला देश बना स्कॉटलैंड, ऐतिहासिक कानून पारित
स्कॉटलैंड दुनिया का पहला ऐसा देश बन गया है, जहां हर उम्र की महिलाओं को मुफ्त में सैनिटरी उत्पाद उपलब्ध कराए जाएंगे। मंगलवार को इस संबंध में यहां की संसद ने एकमत से कानून पारित किया था। पीरियड प्रोडक्ट्स (फ्री प्रोविजन) (स्कॉटलैंड) एक्ट के तहत यहां की सरकार एक राष्ट्रीय अभियान शुरू करेगी। इसके बाद सभी स्थानीय प्रशासन पर कानूनी बाध्यता आ जाएगी कि वो महिलाओं के लिए टैम्पोन और पैड्स समेत सभी हाइजिन उत्पादन मुफ्त में उपलब्ध कराएं।
चार साल से कानून के लिए चल रहा था अभियान
इस कदम के बाद स्कॉटलैंड में सामुदायिक केंद्र, युवा क्लबों और फार्मेसी समेत सभी सार्वजनिक स्थानों पर सैनिटरी पैड्स और टैम्पोन मुफ्त में उपलब्ध रहेंगे। जानकारी के अनुसार, स्कूल, कॉलेज और यूनिवर्सिटी में भी छात्राओं के लिए मुफ्त में सैनिटरी उत्पाद उपलब्ध कराने की व्यवस्था की जाएगी। बता दें कि इस कानून के लिए स्कॉटलैंड में पिछले चार सालों से लगाातर अभियान चल रहा था। इसके तहत कई जगहों पर प्रदर्शन आयोजित होते थे।
"महिलाओं और लड़कियों के जीवन में बड़ा बदलाव लाएगा यह कदम"
पिछले साल अप्रैल में इस विधेयक को पेश करने वाली स्कॉटिश लेबर की स्वास्थ्य प्रवक्ता मोनिका लेनन ने कहा कि इस अभियान का मकसद हर किसी को मूलभूत सैनिटरी उत्पादों तक पहुंच उपलब्ध कराना है। उन्होंने आगे कहा कि यह उन महिलाओं और लड़कियों के जीवन में बड़ा बदलाव लाएगा जिन्हें पीरियड होते हैं। सामुदायिक स्तर पर पहले ही काफी विकास हुआ है और स्थानीय प्रशासन के जरिये हर किसी को पीरियड में सम्मान मिल सकेगा।
सार्वजनिक जीवन में होने लगी है पीरियड पर बात- लेनन
लेनन ने कहा कि अब सार्वजनिक जीवन में पीरियड पर बात करने के तरीके में बड़ा बदलाव आया है। कुछ साल पहले तक होलीरुड चेंबर (स्कॉटलैंड की संसद) में खुले तौर पर पीरियड पर कभी बात नहीं होती थी, लेकिन अब यह मुख्यधारा में है। उन्होंने कानून पारित होने की जानकारी देते हुए एक ट्वीट किया है। इसमें उन्होंने लिखा है, 'क्योंकि महामारी में पीरियड रुकते नहीं, हमने भी हार नहीं मानी।' यह ट्वीट आप नीचे देख सकते हैं।
मंगलवार को पारित हुआ कानून
स्कॉटलैंड ने पेश किया उदाहरण
स्कॉटलैंड के इस कानून की महिला संगठन और नेता खुलकर तारीफ कर रहे हैं। एक तरफ जहां कई देशों में आज भी पीरियड के साथ कई भ्रांतियां और रुढ़िवादी परंपराएं जुड़ी हुई हैं और इनके बारे में खुलकर बातें नहीं होतीं, वहीं स्कॉटलैंड ने इस मामले में उदाहरण पेश किया है। इससे पहले भी 2018 में स्कॉटलैंड ने ऐसा ही कदम उठाया था, जब यहां स्कूल-कॉलेजों और यूनिवर्सिटीज में मुफ्त में महिला हाइजिन उत्पाद उपलब्ध कराए गए थे।