
पाकिस्तान के विदेश मंत्री इशाक डार करेंगे बांग्लादेश का दौरा, भारत क्यों सतर्क?
क्या है खबर?
पाकिस्तान के उप-प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री इशाक डार 3 दिवसीय दौरे पर बांग्लादेश जा रहे हैं। यह यात्रा पहले अप्रैल में होनी थी, लेकिन पहलगाम आतंकवादी हमले के बाद 'ऑपरेशन सिंदूर' की वजह से इसे स्थगित कर दिया गया था। पाकिस्तान और बांग्लादेश की बढ़ती नजदीकी और भारत से बढ़ती दूरी के लिहाज से ये दौरा अहम होने वाला है। यही वजह है कि भारत की भी इस दौरे पर नजर रहेगी।
बयान
दौरे को लेकर बांग्लादेश ने क्या कहा?
बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के विदेश मामलों के सलाहकार तौहीद हुसैन ने कहा, "कई अन्य देशों की तरह, हम पाकिस्तान के साथ सामान्य संबंध स्थापित करने की कोशिश कर रहे हैं, जिसमें व्यापार, निवेश और लोगों की आवाजाही को सुगम बनाने पर ध्यान केंद्रित किया जा रहा है। अतीत में, अनावश्यक रूप से शत्रुता का माहौल बनाया गया था। हम उससे दूर हो गए हैं। लेकिन सामान्य संबंधों की तलाश करते हुए, 3 अनसुलझे मुद्दे अभी भी विचाराधीन हैं।"
दौरा
कैसा होगा इशाक डार का दौरा?
इशाक बांग्लादेश की अलग-अलग राजनीतिक पार्टियों के नेताओं से मिलेंगे। इनमें बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस, विदेश मामलों के सलाहकार तौहीद हुसैन और बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी की अध्यक्ष एवं पूर्व प्रधानमंत्री बेगम खालिदा जिया शामिल हैं। बता दें कि बांग्लादेश में यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार बनने के बाद दोनों देश अशांत इतिहास और पाकिस्तानी सेना द्वारा किए गए हिंसक और क्रूर अत्याचारों के बावजूद नजदीकी बढ़ाने की कोशिश कर रहे हैं।
भारत
दौरे पर क्यों रहेंगी भारत की नजरें?
भारत के लिए चिंता की बात ये है कि इशाक जमात-ए-इस्लामी बांग्लादेश के नेताओं से भी मुलाकात करेंगे। जमात-ए-इस्लामी बांग्लादेश एक कट्टरपंथी इस्लामी संगठन है, जिसने खुले तौर पर भारत विरोधी रुख अपनाया हुआ है और अतीत में अल्पसंख्यकों के दमन के लिए दोषी ठहराया गया है। जमात-ए-इस्लामी पर कथित आतंकी संबंधों के कारण बांग्लादेश की पिछली सरकारों ने प्रतिबंध लगा दिया गया था। जून में बांग्लादेश के सुप्रीम कोर्ट ने जमात-ए-इस्लामी का पंजीकरण बहाल कर दिया था।
संबंध
कैसे नजदीक आ रहे हैं पाकिस्तान-बांग्लादेश?
यूनुस की सरकार बनने के बाद पाकिस्तान के गृह मंत्री मोहसिन नकवी ने जुलाई में ढाका का दौरा किया था। इसी महीने वाणिज्य मंत्री भी ढाका गए थे। पाकिस्तान और बांग्लादेश एक-दूसरे के राजनयिक और आधिकारिक पासपोर्ट धारकों को वीजा-मुक्त प्रवेश देने पर भी सहमत हुए हैं। दोनों देश संयुक्त आर्थिक आयोग (JEC) को पुनर्जीवित करने और व्यापार और निवेश संभावनाओं का पता लगाने के लिए नया व्यापार और निवेश आयोग स्थापित करने पर भी सहमत हुए हैं।