
बांग्लादेश के सुप्रीम कोर्ट ने जमात-ए-इस्लामी का पंजीकरण बहाल किया, चुनाव लड़ने का रास्ता साफ
क्या है खबर?
बांग्लादेश में शेख हसीना की सरकार के तख्तापलट के बाद कट्टरपंथी ताकतों के लिए खुशखबरी का सिलसिला जारी है।
अब बांग्लादेश के सुप्रीम कोर्ट ने भारत विरोधी और कट्टरपंथी पार्टी जमात-ए-इस्लामी का राजनीतिक पार्टी के रूप में पंजीकरण बहाल करने का आदेश दिया है।
कोर्ट ने चुनाव आयोग को आदेश दिया कि वह इसे जल्द लागू कराए।
जमात-ए-इस्लामी पर हसीना के कार्यकाल के दौरान प्रतिबंध लगाया गया था।
फैसला
कोर्ट ने फैसले में क्या कहा?
मुख्य न्यायाधीश डॉक्टर सैयद रेफात अहमद की अध्यक्षता वाली 4 सदस्यीय अपीलीय पीठ ने हाई कोर्ट के पिछले फैसले को पलटते हुए यह फैसला सुनाया।
कोर्ट ने चुनाव आयोग को जमात के पंजीकरण सहित सभी लंबित मुद्दों का निपटारा करने का भी निर्देश दिया।
कोर्ट ने यह भी कहा कि जमात को पारंपरिक चुनाव चिन्ह 'तराजू' के तहत चुनाव लड़ने की अनुमति देना चुनाव आयोग के विवेक पर निर्भर करेगा।
सरकार
यूनुस सरकार ने जताई खुशी
अंतरिम सरकार के कानूनी सलाहकार डॉक्टर आसिफ नजरूल ने फैसले का स्वागत करते हुए कहा, "इस न्याय के मार्ग को बनाने का श्रेय जुलाई-अगस्त 2024 के जन आंदोलन को जाता है।"
वहीं, जमात के वरिष्ठ वकील मोहम्मद शिशिर मुनीर ने कहा, "आज एक दशक पुराने कानूनी संघर्ष का अंत हुआ। हमें उम्मीद है कि यह फैसला देश में जीवंत संसद लाने में मदद करेगा और लोग जमात के उम्मीदवार को वोट देने का अधिकार पा सकेंगे।"
प्रतिबंध
2013 में रद्द हुआ था जमात का पंजीकरण
बांग्लादेश के एक हाई कोर्ट ने अगस्त, 2013 में जमात-ए-इस्लामी की राजनीतिक पार्टी की मान्यता खत्म कर दी थी।
2018 में बांग्लादेश हाई कोर्ट ने इस संबंध में आदेश पारित किया था। जमात ने इस फैसले को हाई कोर्ट की बड़ी पीठ के समक्ष चुनौती दी थी। हालांकि, नवंबर 2023 में ये अपील खारिज कर दी गई थी।
हसीना के तख्तापलट के बाद जमात ने अपनी मान्यता बहाल कराने के लिए सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था।
बरी
सुप्रीम कोर्ट ने जमात के नेता को किया था बरी
हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने जमात के नेता एटीएम अजहरुल इस्लाम को बरी कर दिया था। उन्हें 1971 के बांग्लादेश मुक्ति संग्राम के दौर में मानवता के खिलाफ अपराध के मामले में अंतरराष्ट्रीय न्यायालय ने मौत की सजा सुनाई थी।
इस्लाम को 1,256 लोगों की हत्या और 13 महिलाओं से बलात्कार का दोषी पाया गया था।
इस्लाम पर मुक्ति संग्राम के दौरान पाकिस्तानी सेना का साथ देकर मानवता के खिलाफ अपराध करने का आरोप था।
चुनाव
चुनाव से पहले मान्यता बहाल होना अहम
बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने ऐलान किया है कि वे दिसंबर, 2025 से जून, 2026 के बीच देश में आम चुनाव कराएंगे। हालांकि, खालिदा जिया की बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (BNP) समेत दूसरी पार्टियां जल्द चुनावों की मांग कर रही हैं।
अंतरिम सरकार ने हसीना की अवामी लीग पर प्रतिबंध लगा दिया है। ऐसे में BNP मुख्य पार्टी बनकर उभरी है।
अब जमात पर प्रतिबंध हटने से चुनाव दिलचस्प होने की संभावना है।