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    #NewsBytesExplainer: इजरायल-हमास युद्ध से भारत-मध्य पूर्व-यूरोप इकोनॉमिक कॉरिडोर पर क्यों मंडरा रहा है खतरा?
    भारत-मध्य पूर्व-यूरोप इकोनॉमिक कॉरिडोर की घोषणा G-20 शिखर सम्मेलन के दौरान की गई थी

    #NewsBytesExplainer: इजरायल-हमास युद्ध से भारत-मध्य पूर्व-यूरोप इकोनॉमिक कॉरिडोर पर क्यों मंडरा रहा है खतरा?

    लेखन आबिद खान
    Oct 21, 2023
    06:59 pm

    क्या है खबर?

    बीते 15 दिनों से चल रहे इजरायल-हमास युद्ध में अब तक हजारों लोगों की जान जा चुकी है।

    युद्ध की वजह से मध्य-पूर्व समेत पूरी दुनिया में तनाव का माहौल है। अब इसका खतरा भारत के लिए महत्वपूर्ण परियोजना भारत-मध्य पूर्व-यूरोप इकोनॉमिक कॉरिडोर (IMEC) पर भी मंडरा रहा है।

    माना जा रहा है कि युद्ध की वजह से इस परियोजना की मुश्किलें बढ़ सकती हैं।

    आइए समझते हैं कि पूरा मामला क्या है।

    IMEC

    सबसे पहले जानिए क्या है IMEC?

    इस परियोजना के तहत रेल और बंदरगाहों का नेटवर्क बनाया जाएगा, जो भारत, संयुक्त अरब अमीरात (UAE), सऊदी अरब, जॉर्डन, इजरायल और ग्रीस से होते हुए यूरोप तक जाएगा।

    इस परियोजना में 2 अलग-अलग कॉरिडोर होंगे। एक पूर्वी कॉरिडोर होगा, जो भारत को पश्चिम एशिया/मध्य पूर्व से जोड़ेगा और एक उत्तरी कॉरिडोर होगा, जो पश्चिम एशिया या मध्य पूर्व को यूरोप से जोड़ेगा।

    यानी इससे भारत को मध्य-पूर्व और अंतत: यूरोप तक की कनेक्टिविटी मिलेगी।

    अरब

    युद्ध की वजह से बिगड़े इजरायल-अरब देशों के संबंध

    अमेरिका इजरायल और सऊदी अरब में संबंध सामान्य करने की लंबे समय से कोशिश कर रहा था। माना जाता है कि अमेरिका की वजह से ही दोनों देश इस परियोजना का हिस्सा बनने के लिए राजी हुए थे।

    हालांकि, युद्ध के बाद हालात बदल गए हैं और इजरायल-सऊदी अरब के बीच रिश्ते सामान्य होने की कोशिशों को बड़ा झटका लगा है। सऊदी अरब और बाकी अरब देशों में लोकप्रिय समर्थन गाजा की ओर है।

    बैठक

    अरब देशों के साथ रद्द हुई बाइडन की बैठक

    अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन हाल ही में इजरायल के दौरे पर थे। उन्हें जॉर्डन में अरब देशों के नेताओं के साथ भी एक बैठक में भाग लेना था, लेकिन गाजा के एक अस्पताल पर हुए हमले के बाद अरब देशों ने इस बैठक को रद्द कर दिया था।

    बैठक में जॉर्डन के राजा अब्दुल्ला, मिस्र के राष्ट्रपति अब्देल फतह अल-सिसी और फिलिस्तीनी राष्‍ट्रपति महमूद अब्बास शामिल होने वाले थे।

    हमास

    सऊदी अरब-इजरायल के रिश्ते खराब करना हमास का उद्देश्य?

    हाल ही में बाइडन ने कहा था कि हमास ने इजरायल पर हमला इसलिए किया, क्योंकि वे जानते थे कि मैं सऊदी के साथ बैठने वाला था।

    दूसरे विशेषज्ञों का भी ऐसा ही मानना है। BBC से बात करते हुए पूर्व राजनयिक अनिल त्रिगुणायत ने कहा, "हमास का सबसे बड़ा मकसद सऊदी अरब-इजरायल के बीच रिश्तों को सामान्य होने से रोकना ही होगा। अगर सऊदी इजरायल से रिश्ते ठीक कर लेगा तो फिलिस्तीन के मुद्दे का क्या होगा।"

    देरी

    परियोजना में हो सकती है देरी

    विशेषज्ञों का मानना है कि युद्ध की वजह से भले ही परियोजना पूरी तरह रद्द न हो, लेकिन इसमें देरी जरूर हो सकती है।

    जामिया मिल्लिया इस्लामिया के प्रोफेसर डॉ प्रेम आनंद मिश्र ने BBC से कहा, "हो सकता है कि इस परियोजना को पूरा करने में ज्यादा वक्त लगे क्योंकि और मुद्दे हावी हो सकते हैं। ये भी हो सकता है कि परियोजना को कुछ समय के लिए ठंडे बस्ते में डाल दिया जाए।"

    तुर्की

    परियोजना पर तुर्की भी जता रहा है आपत्ति

    ये परियोजना जहां से होकर गुजरेगी, उस रास्ते में तुर्की भी आता है, लेकिन तुर्की को इसका हिस्सा नहीं बनाया गया है। इस पर तुर्की के राष्ट्रपति रेचेप तैय्यप अर्दोआन ने आपत्ति जताई है।

    अर्दोआन ने कहा था, "हमारा कहना है कि तुर्की के बिना कोई कॉरिडोर पूरा नहीं हो सकता। तुर्की उत्पादन और व्यापार का महत्वपूर्ण आधार है। पूर्व से पश्चिम की ओर जाने वाले किसी भी ट्रैफिक को तुर्की से होकर ही गुजरना होगा।"

    प्लस

    न्यूजबाइट्स प्लस

    दिल्ली में हुए G-20 शिखर सम्मेलन के पहले दिन IMEC परियोजना की घोषणा की गई थी।

    तब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि यह कॉरिडोर पूरी दुनिया की कनेक्टिविटी और सतत विकास को नई दिशा देगा।

    IMEC का रणनीतिक और राजनीतिक महत्व भी है। इसे चीन के वन बेल्ट वन रोड (OBOR) परियोजना के विकल्प और अमेरिका के खाड़ी देशों को साधने की कोशिशों के तौर पर भी देखा जा रहा है।

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