
चीन की 'विक्ट्री डे परेड': पुतिन-किम के साथ नजर आए जिनपिंग, कहा- किसी से नहीं डरते
क्या है खबर?
चीन की राजधानी बीजिंग में आज 'विक्ट्री डे परेड' हो रही है। इसमें चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने अपनी सैन्य ताकत का प्रदर्शन किया है। इस दौरान जिनपिंग के साथ रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग भी थे। यह पहली हार है, जब तीनों नेता इस तरह सार्वजनिक तौर पर दिखे हैं। ये परेड दूसरे विश्व युद्ध में जापान की हार के 80 साल पूरे होने के मौके पर निकाली जा रही है।
बयान
जिनपिंग ने कहा- हम डरते नहीं, आगे बढ़ते हैं
जिनपिंग ने कहा कि चीन किसी की धमकियों से नहीं डरता और हमेशा आगे बढ़ता रहता है। उन्होंने कहा, "इतिहास हमें चेतावनी देता है कि मानवता साथ ही उठती है और साथ ही गिरती है। चीन कभी भी किसी धौंस जमाने वाले से डरता नहीं है और हमेशा आगे बढ़ता रहता है।" उन्होंने लोगों से इतिहास याद रखने और जापान के खिलाफ लड़ने वाले सैनिकों को सम्मान देने की अपील की।
हथियार
परेड में नजर आए ये आधुनिक हथियार
चीन ने परेड में अपने कई आधुनिक हथियारों को भी दुनिया को दिखाया। BBC. के मुताबिक, परेड में हाइपरसोनिक ग्लाइड व्हीकल्स, YJ-21 एंटी-शिप क्रूज मिसाइल, JL-3 सबमरीन लॉन्च बैलिस्टिक मिसाइल जैसे घातक हथियार शामिल थे। इसके अलावा सबकी नजर नई DF-5C इंटरकॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल पर थी। DF-5C के छठे संस्करण को पहली बार सार्वजनिक तौर पर दिखाया गया है। इसकी रेंज 20,000 किलोमीटर बताई जा रही है। यानी ये अमेरिका तक पहुंच सकती है।
ट्रंप का बयान
ट्रंप ने कहा- पुतिन, किम अमेरिका के खिलाफ साजिश कर रहे
परेड शुरू होते ही अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने लिखा, 'सबसे बड़ा सवाल यह है कि क्या चीन के राष्ट्रपति इसका जिक्र करेंगे कि अमेरिका ने चीन की आजादी सुरक्षित करने के लिए कितना समर्थन और 'खून' दिया था। चीन की जीत के लिए कई अमेरिकी मारे गए। मुझे उम्मीद है कि उनकी बहादुरी और बलिदान के लिए उन्हें सही सम्मान और याद किया जाएगा!' ट्रंप ने कहा कि पुतिन और किम अमेरिका के खिलाफ साजिश कर रहे हैं।
नेता
ये चीन की सबसे बड़ी परेड, 25 नेता शामिल हुए
यह चीन की अब तक की सबसे बड़ी सैन्य परेड है। इस दौरान 25 देशों के नेता मंच पर दिखाई दिए। भारत के पड़ोसी देशों से पाकिस्तान के प्रधानमंत्री, शहबाज शरीफ, सैन्य प्रमुख असीम मुनीर, नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली और मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू परेड में मौजूद रहे। इसके अलावा वियतनाम, मलेशिया, बेलारूस, ईरान, जिम्बाब्वे, सर्बिया, स्लोवाकिया, क्यूबा और म्यांमार जैसे देशों के नेताओं ने भी जिनपिंग के साथ मंच साझा किया।
भारत
परेड में शामिल क्यों नहीं हुए प्रधानमंत्री मोदी?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चीन में शंघाई सहयोग संगठन (SCO) सम्मेलन में हिस्सा लिया था, लेकिन वे परेड से पहले ही देश लौट आए। CNN के मुताबिक, परेड में हिस्सा न लेना प्रधानमंत्री मोदी की कूटनीतिक रणनीति है। परेड से दूर रहकर वे संदेश दे रहे हैं कि चीन से रिश्ते सामान्य तब तक नहीं हो सकते, जब तक चीन सीमा पर आक्रमण करता रहे और भारत के मुख्य प्रतिद्वंद्वी पाकिस्तान को रणनीतिक रूप से मदद करता रहे।