
डोनाल्ड ट्रंप ने अब इजरायल-हमास में कराया युद्धविराम, क्या मिलेगा नोबेल पुरस्कार?
क्या है खबर?
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप कई बार खुद को शांति का नोबेल पुरस्कार देने की मांग कर चुके हैं। आज ही उन्होंने ऐलान किया है कि इजरायल और हमास उनके द्वारा प्रस्तावित युद्धविराम समझौते पर राजी हो गए हैं। इसके बाद ट्रंप ने एक बार फिर नोबेल की दावेदारी की है। व्हाइट हाउस ने ट्रंप की एक तस्वीर साझा कर लिखा, 'शांतिप्रिय राष्ट्रपति।' आइए जानते हैं क्या ट्रंप को नोबेल पुरस्कार मिल सकता है।
युद्ध
8 युद्ध रुकवाने का दावा कर चुके हैं ट्रंप
ट्रंप ने कई बार अलग-अलग अंतरराष्ट्रीय मंचों से 8 युद्ध रुकवाने का दावा किया है। इनमें भारत और पाकिस्तान, थाईलैंड और कंबोडिया, ईरान और इजरायल से लेकर अर्मेनिया और अजरबैजान का युद्ध भी शामिल है। भारत-पाकिस्तान में युद्धविराम के दावों को लेकर भारत और अमेरिका के बीच मतभेद भी रहा है। भारत कहता रहा है कि युद्धविराम में किसी तीसरे पक्ष की कोई भूमिका नहीं थी, लेकिन ट्रंप 10 से ज्यादा बार इसका श्रेय ले चुके हैं।
पुरस्कार
क्या ट्रंप को मिलेगा नोबेल शांति पुरस्कार?
ट्रंप को शांति के नोबेल के लिए पाकिस्तान, इजरायल, कंबोडिया, अजरबैजान और आर्मेनिया ने नामित है। साथ ही रवांडा और गैबॉन ने भी ट्रंप के नामांकन का समर्थन किया है। हालांकि, इस साल ट्रंप को शांति पुरस्कार मिलना लगभग नामुमकिन है। जानकारों का कहना है कि अगर इजरायल और हमास में युद्धविराम सफलतापूर्वक लागू हो जाता है और मध्य-पूर्व में हालात स्थिर होते हैं, तो ट्रंप को अगले साल नोबेल मिलने की कुछ उम्मीदें हैं।
दावेदार
इस बार कौन-कौन हैं दावेदार?
नोबेल शांति पुरस्कार का ऐलान 10 अक्टूबर को होगा। इसके लिए 338 व्यक्तियों और संस्थाओं का नामांकन किया गया है। कल यानी 10 अक्टूबर को विजेता का नाम सामने आएगा। इस बार के दावेदारों में युद्ध और अकाल के बीच लोगों की मदद करने वाला सूडान का एक संगठन, रूस के दिवगंत विपक्षी नेता एलेक्सी नवेलनी की विधवा यूलिया नवेलनी और चुनावों पर निगरानी रखने वाली संस्था ऑफिस फॉर डेमोक्रेटिक इंस्टीट्यूशंस एंड ह्यूमन राइट्स (OSCE) शामिल हैं।
प्लस
न्यूजबाइट्स प्लस
नोबेल शांति पुरस्कार के लिए किसी देश के राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, सांसद, पुरस्कार के पूर्व विजेता, नोबेल समिति के सदस्य, विश्वविद्यालयों के प्रोफेसर और किसी देश की सरकार या संसद सदस्य ही किसी को नामित कर सकते हैं। नामांकन प्रक्रिया हर साल सितंबर में शुरू होती है और 10 दिसंबर को अल्फ्रेड नोबेल की पुण्यतिथि पर विजेता का ऐलान किया जाता है। पुरस्कार जीतने वाले को करीब 7 करोड़ रुपये मिलते हैं।