अमेरिका का हूती विद्रोहियों पर एक और हमला, कहा- ये व्यापारिक जहाजों के लिए खतरा
क्या है खबर?
अमेरिका ने यमन स्थित हूती विद्रोहियों के कई ठिकानों पर हवाई हमले कर निशाना बनाया है। अमेरिकी हमले के कारण हुतियों को काफी नुकसान पहुंचा है।
इससे पहले 3 फरवरी को अमेरिका और ब्रिटेन ने संयुक्त हमले में 13 जगहों पर हूती विद्रोहियों के 36 ठिकानों पर हमले किए थे।
इन हमलों के बाद भी लाल सागर में हूती विद्रोही मालवाहक जहाजों को निशाना बनाने से नहीं चूक रहे हैं।
जवाब
अमेरिका ने कहा- ये जहाजों के लिए हैं खतरा
अमेरिकी सेना के सेंट्रल कमांड ने इस हमले पर कहा, "अमेरिकी सेना ने गुरुवार को विस्फोटक से भरी 4 ड्रोन नौकाओं और 7 मोबाइल एंटी-शिप क्रूज मिसाइल लॉन्चरों को नष्ट कर दिया।"
उन्होंने कहा, "वे इलाके में अमेरिकी नौसेना के जहाजों और व्यापारिक जहाजों के लिए खतरा हैं। ये कार्रवाइयां नौवहन की स्वतंत्रता की रक्षा करेंगे और अमेरिकी नौसेना एवं वाणिज्यिक जहाजों के लिए अंतरराष्ट्रीय जल क्षेत्र को अधिक सुरक्षित बनाने में मदद करेंगे।"
संयुक्त हमला
हूती विद्रोहियों के खिलाफ अमेरिका और ब्रिटेन की संयुक्त कार्रवाई जारी
ब्रिटेन और अमेरिका ने अब तक संयुक्त कार्रवाई में 3 बार हुतियों के ठिकानों को निशाना बनाया है।
6 फरवरी को संयुक्त हमले में हुतियों के हथियार भंडारण केंद्रों, मिसाइलों और लॉन्चरों, वायु रक्षा प्रणालियों और रडार से जुड़े ठिकानों को निशाना बनाया गया था।
पहले अमेरिका और ब्रिटेन ने 28 जनवरी और 11 जनवरी को यमन पर हमला किया था।
अब तक अमेरिका 9 से अधिक बार यमन में हूती विद्रोहियों के ठिकानों को निशाना बना चुका है।
कारण
अमेरिका क्यों बना रहा हुतियों के ठिकानों को निशाना?
इजरायल-हमास युद्ध की शुरुआत से हूती विद्रोही लगातार लाल सागर में व्यापारिक जहाजों को निशाना बना रहे हैं। 19 नवंबर से 30 हजार से अधिक व्यापारिक और नौसैनिक जहाजों पर दर्जनों मिसाइल, ड्रोन और नाव हमले किए हैं।
यही कारण है कि इन हमलों से निपटने के लिए अमेरिका, ब्रिटेन और उसके सहयोगी देशों ने अपनी नौसेना को लाल सागर में तैनात किया और अब उनके ठिकानों को निशाना बनाया जा रहा है।
बयान
हुती विद्रोही हमलों के बाद भी पीछे हटने को नहीं तैयार
6 फरवरी को हमले के बाद के हुती विद्रोहियों के सैन्य प्रवक्ता, ब्रिगेडियर जनरल याह्या सारी ने 2 जहाजों पर हमलों की पुष्टि की थी। इसके साथ ही अमेरिका और ब्रिटेन के खिलाफ आत्मरक्षा अभियान चलाने की धमकी को दोहराया था।
इसके साथ ही कहा था, "जब तक इजरायल की गाजा पट्टी पर नाकाबंदी नहीं हटती और फिलिस्तीनी लोगों के खिलाफ आक्रामकता बंद नहीं होती , तब तक वह हमले जारी रखेगा।"