टोक्यो पैरालंपिक: विनोद कुमार को नहीं मिलेगा कांस्य पदक, आयोजकों ने घोषित किया अयोग्य
भारत के विनोद कुमार को F52 क्लास डिस्कस थ्रो का कांस्य पदक नहीं मिलेगा। आयोजकों ने उन्हें इस वर्ग के लिए विनोद को अयोग्य घोषित किया है। बीते रविवार को पदक जीतने के बात ही अन्य प्रतियोगियों ने विनोद के खिलाफ विरोध दर्ज कराया था। विरोध होने के बाद उनके पदक को रोक दिया गया था और अब आए निर्णय के मुताबिक विनोद को यह पदक नहीं दिया जाएगा।
तकनीकी समिति ने जारी किया बयान
ऑफिशियल बयान के मुताबिक, "प्रतियोगिता में वर्गीकरण करने और फिर वर्गीकरण पैनल द्वारा दोबारा जांच करने के बाद भी पैनल भारत के विनोद कुमार को किसी वर्ग में रख पाने में असमर्थ रही। एथलीट को क्लासीफिकेशन नॉट कम्प्लीटेड (CNC) वर्ग में रखा गया है। ऐसा होने के बाद एथलीट पुरुषों की F52 डिस्कस थ्रो प्रतियोगिता के मेडल इवेंट के योग्य नहीं हैं और इसी कारण उनका परिणाम मान्य नहीं किया जाएगा।"
कौन ले सकता है F52 वर्ग में हिस्सा?
पैरा एथलीट्स की F52 वर्ग में वे एथलीट्स हिस्सा ले सकते हैं जिनकी मांसपेशियों में विकार, वो अधिक दूर जाने लायक नहीं हों, उनके रीढ़ की हड्डी में कोई समस्या हो या फिर दोनों पैरों के साइज में असामनता हो। ऐसे एथलीट्स बैठकर अपने खेल में हिस्सा लेते हैं। पैरालंपिक में हिस्सा लेने गए विनोद का 22 अगस्त को क्लासीफिकेशन किया गया था और इसके बाद उन्हें F52 में उतरने की अनुमति मिली थी।
पूर्व BSF जवान हैं विनोद
विनोद पूर्व BSF जवान हैं और ट्रेनिंग के दौरान उन्हें गंभीर चोट लगी थी। विनोद चोट लगने के बाद लगभग एक दशक तक बिस्तर पर ही पड़े रहे थे। इसके बाद उन्होंने पैरा एथलीट बनने का निर्णय लिया था।
बीते रविवार को विनोद ने हासिल किया था पदक
बीते रविवार को पैरा डिस्कस थ्रोवर विनोद कुमार ने पैरालंपिक में कांस्य पदक जीता था। विनोद ने स्पोर्ट क्लास 52 में एशियन रिकॉर्ड के साथ पदक जीता था। उन्होंने 17.46, 18.32, 17.80, 19.12, 19.91 और 19.81 मीटर के थ्रो किए थे। विनोद ने पांचवें थ्रो में अपना बेस्ट हासिल किया था। पोलैंड के पिओट्र कोसविच्ज ने 20.02 मीटर की थ्रो के साथ स्वर्ण पदक तो वहीं क्रोएशिया के वेलिमिर सैंडोर ने 19.98 मीटर के साथ रजत पदक जीता था।