ओलंपियन अंजू बॉबी जॉर्ज का खुलासा, एक किडनी से हासिल की है सफलता
पूर्व भारतीय लांगजंपर अंजू बॉबी जॉर्ज ने 2003 में पेरिस में आयोजित हुई IAAF वर्ल्ड चैंपियनशिप में कांस्य पदक जीता था। उन्होंने अब इस ऐतिहासिक उपलब्धि को लेकर चौंकाने वाला खुलासा किया है। ओलंपियन अंजू बॉबी ने बताया है कि उन्होंने एक किडनी के सहारे यह उपलब्धि हासिल की थी। इसके अलावा उन्हें पेन किलर से भी एलर्जी थी, लेकिन उन्होंने तमाम चुनौतियों को पार कर सफलता हासिल की है।
ट्वीट कर अंजू ने किया खुलासा
अंजू ने ट्वीट कर इस बात का खुलासा किया है। अंजू ने ट्वीट किया, 'मैं उन भाग्यशाली लोगों में शामिल हूं जो एक किडनी के सहारे विश्व में शीर्ष स्तर पर पहुंचे है। यहां तक कि मुझे पेन किलर दवाइयों से भी एलर्जी थी, दौड़ की शुरुआत करते समय मेरा आगे वाला पांव सही से काम नहीं करता था। कई चुनौतियां थीं, तब भी मैंने सफलताएं हासिल की। क्या हम इसे कोच का जादू या उनकी प्रतिभा कह सकते हैं।'
अंजू बॉबी जॉर्ज का ट्वीट
वर्ल्ड चैंपियनशिप में अंजू बॉबी जॉर्ज ने रचा था इतिहास
साल 2003 में पेरिस में IAAF वर्ल्ड चैंपियनशिप में भारत की 26 वर्षीय अंजू बॉबी जॉर्ज ने अपनी पहली छलांग 6.61 मीटर की लगाई थी। इसके बाद उन्होंने अपने प्रदर्शन में सुधार किया और अपनी पांचवी छलांग 6.70 मीटर की कूदकर कांस्य पदक जीता था। वह इतिहास रचते हुए वर्ल्ड चैंपियनशिप में पदक हासिल करने वाली पहली भारतीय खिलाड़ी बनी थी। इस प्रतियोगिता का स्वर्ण फ्रांस की यूनाइस बार्बर (6.99) ने जीता था।
एथेंस ओलंपिक में ऐसा रहा था अंजू बॉबी जॉर्ज का प्रदर्शन
अंजू, एथेंस ओलंपिक 2004 में 6.83 मीटर की छलांग लगाकर छठे स्थान पर रही थीं। हालांकि, 2007 में अमेरिका की मरियन जोन्स को डोपिंग आरोपों के कारण अयोग्य घोषित किया गया और अंजू को पांचवां स्थान दिया गया था। भले ही वह ओलंपिक में पदक हासिल नहीं कर सकी थी, लेकिन यह उनका बेस्ट प्रदर्शन था। बता दें एथेंस ओलंपिक में लांग जम्प इवेंट में अंजू की छलांग आज भी नेशनल रिकॉर्ड है।
अंजू की अन्य उपलब्धियां
अंजू ने एथलेटिक्स फाइनल्स (मोनाको 2005), एशियन गेम्स (बुशान 2002) और एशियन चैंपियनशिप (इंचियोन 2005) में स्वर्ण जीता है। इसके अलावा वह कॉमनवेल्थ गेम्स में कांस्य पदक जीत चुकी हैं। वह राजीव गांधी खेल रत्न, अर्जुन अवार्ड और पदम श्री से सम्मानित हो चुकी हैं।