कोई ड्राइवर-किसान-कंडक्टर का बेटा, तो कोई बेचता था गोल-गप्पे, ऐसे हैं अंडर-19 विश्व कप के सितारे
भारतीय क्रिकेट टीम आज बांग्लादेश के खिलाफ फाइनल मुकाबला जीतकर पांचवी बार अंडर-19 विश्व कप का खिताब अपने नाम कर सकती है। 2020 अंडर-19 विश्व कप में भारत ने अभी तक शानदार प्रदर्शन किया है। क्वार्टर फाइनल में जहां भारत ने ऑस्ट्रेलिया को हराया, वहीं सेमीफाइनल में भारत ने पाकिस्तान को धूल चटाई। लेकिन क्या आप जानते हैं विश्व कप में भारत के लिए खेल रहे इन खिलाड़ियों का बैकग्राउंड क्या है। नहीं न.....तो आइये जानते हैं।
स्कूल वैन चलाते हैं कप्तान प्रियम गर्ग के पिता
भारतीय अंडर-19 टीम के कप्तान प्रियम गर्ग को आज दुनिया जानती है, लेकिन आप निश्चित उनके बैकग्राउंड के बारे में नहीं जानते होंगे। उत्तर प्रदेश के मेरठ के रहने वाले प्रियम के पिता नरेश गर्ग ने दूध और अखबार बेचकर उन्हें यहां तक पहुंचाया है। आज भी नरेश एक स्कूल की वैन चलाते हैं। प्रियम के गांव वाले बताते हैं कि उनके पिता अक्सर लोगों से पैसे उधार लिया करते थे, जिससे वह प्रियम को क्रिकेट का सामान दिला सकें।
गोल-गप्पे बेचते थे सेमीफाइनल में पाकिस्तान के खिलाफ शतक लगाने वाले यशस्वी जयस्वाल
2020 अंडर-19 विश्व कप के सेमीफाइनल में शतक लगाने वाले यशस्वी जयस्वाल को आज हर कोई जानता है, लेकिन शायद ही लोग उनके संघर्ष के बारे में जानते होंगे। यूपी के भदोही के रहने वाले यशस्वी के पिता एक छोटी सी दुकान चलाते हैं। यशस्वी महज़ 11 साल की उम्र में क्रिकेटर बनने के लिए मुंबई आए थे, जहां उन्हें कई रातें टेंट में बितानी पड़ी। यशस्वी शुरुआत में पेट भरने के लिए सड़क किनारे गोलगप्पे बेचते थे।
बस कंडक्टर हैं अथर्व अंकोलेकर की मां
क्वार्टर फाइनल में अहम पारी खेलने वाले अथर्व अंकोलेकर की मां बस कंडक्टर हैं। अथर्व ने बचपन में ही अपने पिता को खो दिया था, लेकिन यह उनके पिता का ही सपना था कि वह क्रिकेटर बनें। अथर्व की मां वैदेही बताती हैं कि उनके पिता नाइट शिफ्ट करते थे, ताकि दिन में उसे प्रैक्टिस करा सकें। संघर्ष के बारे में वैदेही कहती हैं कि वह दूसरों की तरह अथर्व को कभी खेल के बाद जूस तक नहीं दे पाईं।
भारत को सेमीफाइनल में पहुंचाने वाले कार्तिक त्यागी कभी उठाते थे अनाज की बोरियां
उत्तर प्रदेश के हापुर के एक छोटे से गांव धनौरा में जन्में कार्तिक त्यागी एक बेहद गरीब परिवार से हैं। अकेले दम पर भारत को सेमीफाइनल में पहुंचाने वाले त्यागी बचपन में अपने पिता के साथ खेती करते थे। त्यागी बताते हैं कि वह अपने पिता के साथ अनाज की बोरियों को ट्रक्टर और बस पर रखते थे, यहीं से उनके कंधे मज़बूत हुए। ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ क्वार्टर फाइनल मुकाबले में त्यागी ने 24 रन देकर चार विकेट लिए थे।
करगिल युद्ध में भारत को विजय दिलाने नेम सिंह जुरैल के बेटे हैं ध्रुव जुरैल
भारतीय अंडर-19 टीम के विकेटकीपर बल्लेबाज़ ध्रुव जुरैल भारत को करगिल युद्ध में विजय दिलाने वाले नेम सिंह जुरैल के बेटे हैं। ध्रुव ने पिता के खिलाफ जाकर क्रिकेट को अपने करियर के रूप में चुना था। नेम सिंह अपने बेटे ध्रुव को भारतीय सेना में भेजना चाहते थे। ध्रुव के लिए क्रिकेट को करियर के रूप में चुनना बिल्कुल भी आसान नहीं था, लेकिन उन्होंने बचपन से ही कड़ी मेहनत की और छोटे-छोटे टूर्नामेंट खेलकर यहां तक पहुंचे।