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जासूसी मामले के बाद व्हाट्सऐप के डाउनलोड में भारी कमी, सिग्नल और टेलीग्राम को फायदा

जासूसी मामले के बाद व्हाट्सऐप के डाउनलोड में भारी कमी, सिग्नल और टेलीग्राम को फायदा

Nov 06, 2019
04:30 pm

क्या है खबर?

व्हाट्सऐप के जरिए जासूसी का मामला सामने आने के बाद इसके डाउनलोड में भारी गिरावट देखने को मिली है। बीते लगभग एक सप्ताह में भारत में व्हाट्सऐप के डाउनलोड 82 प्रतिशत कम हो गए हैं। सेंसर टॉवर की रिपोर्ट के मुताबिक, 17-28 अक्टूबर के बीच व्हाट्सऐप के 8.9 मिलियन डाउनलोड थे, जो 26 अक्टूबर से 3 नवंबर के सप्ताह में घटकर 1.8 मिलियन हो गए। इसी दौरान सिग्नल और टेलीग्राम के डाउनलोड में इजाफा देखने को मिला।

जानकारी

व्हाट्सऐप ने एनएसओ ग्रुप पर दायर किया है मुकदमा

29 अक्टूबर को व्हाट्सऐप ने इजरायली कंपनी एनएसओ ग्रुप पर मुकदमा दायर किया था। व्हाट्सऐप ने कहा था कि इस कंपनी ने पेगासस स्पाईवेयर के जरिए उसके यूजर्स की जासूसी कर नियमों का उल्लंघन किया है।

रिपोर्ट

नए यूजर्स की संख्या बता रही रिपोर्ट

जानकारों का कहना है कि यह रिपोर्ट केवल नए यूजर्स की संख्या बता रही है। इसका मतलब यह नहीं है कि लोग व्हाट्सऐप को छोड़कर दूसरी ऐप्स पर जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि जब तक किसी ऐप पर सरकार की तरफ से बैन नहीं लगता या कोई दूसरी ऐप बहुत बेहतर सुविधाएं न दें, तब तक लोग बड़ी संख्या में एक ऐप छोड़कर दूसरी पर नहीं जाते हैं।

सवाल

क्या व्हाट्सऐप 'अनसेफ' हो गई है?

जासूसी का मामला सामने आने के बाद यह सवाल उठने लगा है कि क्या फेसबुक के मालिकाना हक वाली व्हाट्सऐप अब 'अनसेफ' हो गई है। कुछ लोग मानने लगे हैं कि व्हाट्सऐप को हैक किया जा सकता है। हालांकि, कंपनी ने इसे लेकर सफाई दी है। व्हाट्सऐप की तरफ से कहा गया कि एनएसओ ग्रुप ने जिस बग का इस्तेमाल कर जासूसी की थी, उसे दूर कर लिया गया है और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

जानकारी

टेलीग्राम और सिग्नल को हो रहा फायदा

व्हाट्सऐप के जासूसी के मामले मे घिर जाने का फायदा टेलीग्राम और सिग्नल ऐप को हो रहा है। जिस दौरान व्हाट्सऐप के डाउनलोड में गिरावट आई, उसी दौरान सिग्नल के डाउनलोड 63 फीसदी और टेलीग्राम के डाउनलोग 10 फीसदी बढ़े।

सिग्नल

कैसे काम करती है सिग्नल ऐप

प्राइवेसी के लिहाज से सिग्नल ऐप काफी सुरक्षित मानी जा सकती है। इसका पूरा ट्रैफिक एंड-टू-एंड एन्क्रिप्टेड रहता है। यानी यूजर्स के डाटा तक किसी की पहुंच नहीं होती। इसके अलावा यह ऐप यूजर्स लॉग नहीं रखती है। यह यूजर के हाथ में रहता है कि वह ऐप को अपने कॉन्टैक्ट्स लिस्ट की एक्सेस देना चाहता है या नहीं। साथ ही यूजर की चैट हिस्ट्री पूरी तरह एन्क्रिप्टेड तरीके से उसके डिवाइस पर मौजूद रहती है।

टेलीग्राम

कई मामलों में व्हाट्सऐप से आगे है टेलीग्राम

टेलीग्राम के दुनियाभर में 200 मिलियन से ज्यादा यूजर्स हैं और यह एंड-टू-एंड एन्क्रिप्शन देने वाली पहली चैट सर्विस है। दुनियाभर में फैले सर्वर के कारण इसकी सर्विस काफी तेज है। इसे लगभग सभी डिवाइस और ऑपरेटिंग सिस्टम पर इस्तेमाल किया जा सकता है। व्हाट्सऐप में जहां ग्रुप में मेंबर ऐड करने की लिमिटेशन है, वहीं टेलीग्राम में ग्रुप में हजारों की संख्या में मेंबर ऐड किए जा सकते हैं। इसमें फाइल शेयर को लेकर भी लिमिटेशन नहीं है।

जासूसी मामला

क्या है व्हाट्सऐप जासूसी मामला?

पेगासस स्पाईवेयर के जरिए दुनियाभर में लगभग 1,400 लोगों की जासूसी की गई थी। इनमें भारत के कई पत्रकार, मानवाधिकार कार्यकर्ता, वकील और शिक्षाविद आदि भी शामिल हैैं। इस पूरे मामले के बारे में आप यहां क्लिक कर विस्तार से जानकारी ले सकते हैं। इस जासूसी का शिकार महाराष्ट्र में मानवाधिकार के लिए काम करने वाली रूपाली जाधव भी हुईं। उन्होंने इस पूरे मामले को लेकर न्यूजबाइट्स से बातचीत की। यह बातचीत आप यहां पढ़ सकते हैं।