एस्ट्रोयड और धूमकेतु दोनों हैं खगोलीय पिंड, लेकिन क्या है इनमें अंतर?
हमारी आकाशगंगा में मौजूद एस्ट्रोयड और धूमकेतु दोनों ही ऐसे छोटे खगोलीय पिंड है, जो सूर्य की परिक्रमा करते हैं, लेकिन इन दोनों में कई तरह की भिन्नताएं हैं। एस्ट्रोयड चट्टानी धातु की वस्तुएं हैं, जो मुख्य रूप से मंगल और बृहस्पति के बीच एस्ट्रोयड बेल्ट में मिलते हैं। धूमकेतु बर्फीले पिंड हैं। ऐसे खगोलीय पिंड मुख्य रूप से कुइपर बेल्ट और दूर ऊर्ट क्लाउड क्षेत्रों से उत्पन्न होते हैं।
संरचना और उत्पत्ति में अंतर
एस्ट्रोयड को आंतरिक सौरमंडल के निर्माण का अवशेष माना जाता है और वे खनिजों और धातुओं से बने होते हैं। उनकी चट्टानी और धातुओं वाली प्रकृति से संकेत मिलता है कि वे सूर्य के करीब बने थे, जहां बहुत गर्मी थी। दूसरी तरफ, धूमकेतु बाहरी सौरमंडल के अवशेष हैं, जिनमें सौरमंडल के निर्माण से मिली मूल सामग्री शामिल हैं। उनकी बर्फीली संरचना से पता चलता है कि वे सौरमंडल के ठंडे क्षेत्रों में बने थे, जहां पानी हो सकता था।
आकार में भी होता है अंतर
धूमकेतु आमतौर पर 10 मीटर से लेकर 10 किलोमीटर व्यास तक के आकार के होते हैं। नासा के रोसेटा अंतरिक्ष यान द्वारा देखे गए धूमकेतु 67P/चुर्युमोव-गेरासिमेंको का व्यास लगभग 4 किलोमीटर है। एस्ट्रोयड आकार में बहुत भिन्न होते हैं। इनका आकार कुछ मीटर से लेकर सैकड़ों किलोमीटर तक होता है। एस्ट्रोयड बेल्ट में सबसे बड़ा एस्ट्रोयड सेरेस है। यह बौने ग्रह के रूप में भी जाना जाता है, जिसका आकार लगभग 940 किलोमीटर है।