पेंशनर्स घर बैठे जमा कर सकेंगे जीवन प्रमाणपत्र, सरकार ने लॉन्च की टेक्नोलॉजी
क्या है खबर?
डिजिटल इंडिया की तरफ सरकार ने एक और कदम बढ़ाया है।
सरकार ने पेंशनर्स की सुविधा के लिए एक यूनिक फेस रिकग्निशन टेक्नोलॉजी ('Unique' Face Recognition Tech) लॉन्च की है। इससे पेंशनर्स हर साल अपना जीवन प्रमाणपत्र आसानी से जमा कर सकेंगे।
डिजिटल जीवन प्रमाणपत्र जमा करने की सुविधा शुरू होने से पेंशनधारियों को बहुत फायदा मिलेगा।
इस टेक्नोलॉजी की मदद से ये सुनिश्चित किया जाएगा कि पेंशन पाने वाला शख्स जिंदा है या नहीं।
फेस रिकग्निशन टेक्नोलॉजी
क्या है फेस रिकग्निशन टेक्नोलॉजी?
फेस रिकग्निशन टेक्नोलॉजी बायोमेट्रिक टेक्नोलॉजी का ही एक पार्ट है। ये किसी फोटो, वीडियो या रियल टाइम में लोगों की पहचान करने के लिए इस्तेमाल की जाती है।
बीते सोमवार को कार्मिक राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह ने यह खास तकनीक पेश करते हुए कहा था, "इससे सेवानिवृत्त और बुजुर्ग पेंशनभोगियों को काफी सहूलियत होगी। चेहरा पहचानने वाली इस तकनीक की मदद से पेंशनधारकों के जीवित होने की पुष्टि की जा सकेगी।"
ऐतिहासिक कदम
सरकार ने रिफॉर्म को बताया ऐतिहासिक
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि लाइफ सर्टिफिकेट देने की यह फेस रिकग्निशन टेक्नोलॉजी ऐतिहासिक और दूर तक पहुंच वाला सुधार है।
केंद्रीय मंत्री ने इस टेक्नोलॉजी को तैयार करने वाले विशेषज्ञों और अपने विभाग के लोगों का शुक्रिया अदा भी किया।
बता दें कि डिपार्टमेंट ऑफ पेंशन एंड पेंशनर्स वेलफेयर (DoPPW) की पहल पर इस टेक्नोलॉजी को इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रोद्योगिकी मंत्रालय के साथ UIDAI (यूनिक आइडेंटिफिकेशन अथॉरिटी ऑफ इंडिया) ने तैयार किया है।
फायदा
नई तकनीक से जीवन प्रमाणपत्र जमा करने में मिलेगी सहूलियत
सभी पेंशनर्स को साल के अंत में अपना जीवन प्रमाणपत्र सबमिट करना पड़ता है। इस प्रमाणपत्र के आधार पर ही पेंशन को आगे जारी रखा जाता है।
केंद्रीय मंत्री ने कहा, "केंद्र सरकार पेंशनर्स की जरूरतों को लेकर संवेदनशील रही है और उनकी जिंदगी को आसान बनाने की कोशिश करती रही है। साल 2014 में सत्ता में आने के बाद सरकार ने पेंशनर्स के लिए डिजिटल लाइफ सर्टिफिकेट की सुविधा शुरू की थी।"
डाटा
केंद्र और राज्य सरकारों के पेंशनर्स को मिलेगा फायदा
इस नई तकनीक से करोड़ों पेंशनधारकों को आसानी से एक मोबाइल ऐप के जरिए जीवन प्रमाणपत्र सबमिट करने में मदद मिलेगी। इससे न केवल केंद्र सरकार के 68 लाख पेंशनर्स बल्कि EPFO और राज्य सरकारों से पेंशन पाने वाले लोगों को भी फायदा मिलेगा।