भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन को इस तरह किया जाएगा तैनात, ISRO ने बताई पूरी योजना
क्या है खबर?
भारत 2035 तक भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन (BAS) लॉन्च करने की तैयारी कर रहा है।
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के अनुसार, इस स्टेशन में 5 मुख्य मॉड्यूल होंगे, जिनमें बेस, कोर, विज्ञान प्रयोगशाला और कार्य मॉड्यूल शामिल होंगे।
स्टेशन को कई चरणों में स्थापित किया जाएगा, जिसके लिए पहले 4 मिशन भेजे जाएंगे। ये मिशन भारत के अंतरिक्ष यात्रियों के अभियानों को समर्थन देंगे और लंबे समय तक अंतरिक्ष में रहने के लिए नई तकनीकों के विकास में मदद करेंगे।
वजन
पहला अंतरिक्ष मॉड्यूल होगा 52 टन वजनी
भारत का पहला अंतरिक्ष मॉड्यूल 52 टन वजनी होगा और माइक्रोग्रैविटी में लंबे समय तक रहने के लिए जीवन समर्थन प्रणाली और चालक दल के लिए स्थान जैसे जरूरी तकनीकों का परीक्षण करेगा।
शुरुआत में इसे बिना चालक दल के लॉन्च किया जाएगा और बाद में सफल परीक्षणों के बाद, इसे चालक दल के मिशन के लिए तैयार किया जाएगा। गगनयान मिशन के बाद, ISRO और भी लंबी अवधि के बहु-चालक दल मिशन की योजना बना रहा है।
रॉकेट
इस रॉकेट से लॉन्च होगा बेस मॉड्यूल
ISRO 2028 तक बेस मॉड्यूल (BAS-1) को LVM-3 रॉकेट से लॉन्च करने की योजना बना रहा है। मानव अंतरिक्ष उड़ान कार्यक्रम के निदेशक हनुमंतराय बालुरगी ने बताया है कि इस मॉड्यूल के डिजाइन को अंतिम रूप दे दिया गया है।
दूसरा चालक दल मिशन, कक्षीय अभ्यास और भविष्य के डॉकिंग ऑपरेशंस का परीक्षण करेगा। इस मिशन में भारत में बने स्पेससूट्स का उपयोग भी किया जाएगा, जो अब तक अन्य अंतरिक्ष एजेंसियों से प्राप्त किए जाते थे।
मिशन
अंतरिक्ष डॉकिंग पर केंद्रित होगा अगला मिशन
अगला मिशन 'अंतरिक्ष डॉकिंग' पर केंद्रित होगा, जो बिना चालक दल के संचालित होगा। इसका उद्देश्य भारत को अंतरिक्ष में बेस स्टेशन संचालित करने में सक्षम बनाना है।
ISRO अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप अंतरिक्ष डॉकिंग तकनीक विकसित करेगा और गगनयान मॉड्यूल को मौजूदा अंतरिक्ष स्टेशनों से जोड़ने की क्षमता का प्रदर्शन करेगा।
इसके अलावा, ISRO एक स्वदेशी डॉकिंग सिस्टम भी बनाएगा, जो भारत को अंतरिक्ष के इस क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाएगा।