'लॉगआउट' रिव्यू: कहानी और सस्पेंस शानदार, बाबिल खान ने फूंक दी फिल्म में जान
क्या है खबर?
दिवंगत अभिनेता इरफान खान के बेटे बाबिल खान की फिल्म 'लॉगआउट' बिना किसी शोर-शराबे के OTT प्लेटफॉर्म ZEE5 पर रिलीज हो गई है।
'खो गए हम कहां' और 'कंट्रोल' जैसी फिल्मों के बाद अब बाबिल कुछ-कुछ वैसी ही कहानी लेकर आए हैं, जो डिजिटल दुनिया की भयावह सच्चाई सामने लाती है।
पिछली बार यशराज फिल्म्स की वेब सीरीज 'द रेलवे मैन' से दिल जीत चुके बाबिल की ये फिल्म कैसी है, जानने के लिए पढ़िए फिल्म का ये रिव्यू।
कहानी
सोशल मीडिया इंफ्लुएंसर की कहानी
कहानी है 26 साल के लड़के प्रत्यूष दुआ की, जो एक मशहूर सोशल मीडिया इंफ्लुएंसर है। उसके 1 करोड़ फॉलोअर्स होने वाले हैं।
सुबह आंख खुलती नहीं कि प्रत्यूष का हाथ सबसे पहले उसके फोन पर जाता है। मस्त जिंदगी चल रही है। फोलोअर्स उसके लिए पागल हुए जा रहे हैं, लेकिन इसी बीच उसका फोन गायब हो जता है और उसका सबकुछ दांव पर लग जाता है।
अब प्रत्यूष क्या करेगा, ये जानने के लिए आपको फिल्म देखनी होगी।
अभिनय
बाबिल की अदाकारी की करामात
बाबिल ने फिल्म में शानदार काम किया है। उन्होंने अपना किरदार इतनी शिद्दत से निभाया है कि 90 मिनट की फिल्म कब निकल जाती है, पता ही नहीं चलता। वह फिल्म में आरंभ से लेकर अंत तक छाए रहते हैं।
बाबिल ने अपनी उम्दा अदाकारी से एक लंबी लकीर खींच दी है, जिसके बाद बेशक अब जमाने की नजर रहेगी कि आगे वो क्या करने वाले हैं।
रसिका दुग्गल ने भी अपने हिस्से आए दृश्यों के साथ न्याय किया है।
निर्देशन
कैसा रहा निर्देशन और लेखन?
वेब सीरीज 'काला पानी' और 'मामला लीगल है' के निर्देशक रहे अमित गोलानी ने 'लॉगआउट' का निर्देशन किया है।
उनका निर्देशन सधा हुआ है। कहीं भी कोई भी सीन खींचा हुआ नहीं लगता।
अमित ने फिर एक प्रासंगिक विषय उठाया है और लेखक बिस्वपति सरकार का उन्हें पूरा साथ मिला है, जिन्होंने भले ही सहायक भूमिकाओं पर ध्यान नहीं दिया, लेकिन एक किरदार के सहारे पूरी फिल्म में दर्शकों को कैसे बांधे रखना है, ये कमाल वो जरूर कर गए।
कमियां
क्या हैं कमियां?
फिल्म में स्पष्टता की कमी खलती है। इसके अलावा सहायक किरदार जोरदार नहीं हैं और यहां चूक लेखक से हुई है।
कहानी में गहराई थोड़ी और होती तो यह और प्रभावी लगती।
खैर, इन सबके बावजूद 'लॉगआउट' एक देखने लायक फिल्म है, जो न सिर्फ मनोरंजन करती है, बल्कि ये बता जाती है कि कैसे इस आभासी दुनिया में फाेन, सोशल मीडिया या लाइक, शेयर की होड़ में हम अपने साथ-साथ अपने करीबियों से भी दूर होते जा रहे हैं।
निष्कर्ष
फिल्म देखें या ना देखें?
क्यों देखें?- अगर सस्पेंस से भरपूर फिल्में पसंद हैं तो ये मिस्ट्री थ्रिलर फिल्म आप ही के लिए है, वहीं बाबिल का अभिनय इसे और दर्शनीय बनाता है, जो एक पल भी स्क्रीन से नजरें हटाने का मौका नहीं देते। सबसे खास बात ये है कि फिल्म आपको आपके परिवार के करीब ले जाती है।
क्यों ना देखें?- बाबिल से निजी दुश्मनी है या रोमांचक फिल्मों से दूर भागते हैं तो 'लॉगआउट' से भी दूर ही रहें।
न्यूजबाइट्स स्टार- 4/5