गूगल ने ऐप डेवलपर्स से कोई एक बिलिंग सिस्टम अपनाने को कहा, हटा सकती है ऐप
भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (CCI) के आदेश के बाद गूगल को भारत में प्ले स्टोर बिलिंग नीति में भारी बदलाव करने के लिए मजबूर होना पड़ा है। अब गूगल ऐप डेवलपर्स से इन-ऐप खऱीददारी के लिए उपलब्ध 3 बिलिंग विकल्पों में से एक को लागू करने के लिए कह रही है। एंड्रॉयड इकोसिस्टम में गूगल का एकाधिकार है और देश में एंड्रॉयड फोन यूजर्स की संख्या अधिक होने के चलते डेवलपर्स भी इस तरफ ज्यादा आकर्षित होते हैं।
2 हफ्तों के भीतर अपनाना होगा कोई एक बिलिंग सिस्टम
गूगल का कहना है कि यदि डेवलपर्स ने सूचना मिलने के 2 हफ्तों के भीतर 3 में से किसी एक बिलिंग सिस्टम को लागू नहीं किया तो वह गूगल प्ले स्टोर से उनके ऐप्स को भी हटा देगी। गूगल का फैसला ऐसे समय आया है जब एलायंस ऑफ डिजिटल इंडिया फाउंडेशन (ADIF) के नेतृत्व में भारतीय स्टार्टअप्स ने गूगल के यूजर-च्वाइस बिलिंग सिस्टम पर CCI से शिकायत दर्ज की है।
3 तरह के हैं बिलिंग सिस्टम
गूगल ने कहा है कि डेवलपर्स के लिए 3 बिलिंग विकल्प गूगल प्ले बिलिंग सिस्टम (GPBS), यूजर-चॉइस बिलिंग (UCB) सिस्टम और कंजम्पशन-ओनली सिस्टम हैं। GPBS को शुरू में गूगल द्वारा एकमात्र इन-एप खरीदारी बिलिंग विकल्प के रूप दिया गया था। CCI ने इसके खिलाफ अक्टूबर 2022 के आदेश में कहा कि यह डेवलपर्स को सिस्टम का उपयोग करने के लिए बाध्य करने जैसा है। इसमें गूगल 15 से 30 प्रतिशत कमीशन लेती थी।
शिकायत के बाद गूगल लाया UCB सिस्टम
CCI द्वारा GPBS को बाध्यकारी सिस्टम बताने के बाद गूगल UCB सिस्टम लाया। इसके तहत डेवलपर्स यूजर्स को गूगल के सिस्टम के अलावा कार्ड भुगतान, वॉलेट, नेट बैंकिंग, UPI आदि जैसे वैकल्पिक भुगतान के विकल्प प्रदान कर सकते थे। इन तरीकों से किए गए भुगतान में 11 से 26 प्रतिशत का कमीशन तय था। गूगल ने कहा कि हमारा सर्विस चार्ज तभी लागू होता है जब कोई डेवलपर अपने ऐप में डिजिटल सामान या सर्विस बेचता है।
वैकल्पिक बिलिंग सिस्टम से 4 प्रतिशत और कम हो जाता है चार्ज
गूगल ने कहा कि भारत में आज केवल 3 प्रतिशत डेवलपर ही डिजिटल सामान या सर्विस बेचते हैं। गूगल का कहना है कि उसका चार्ज 15 प्रतिशत या उससे कम है और ये किसी भी प्रमुख ऐप स्टोर द्वारा लिया जाने वाला सबसे कम चार्ज है। गूगल का कहना है कि वैकल्पिक बिलिंग सिस्टम के जरिए किए जाने वाले पेमेंट से यह चार्ज 4 प्रतिशत और कम हो जाता है।
सर्विस उपभोग के आधार पर ले सकते हैं चार्ज
तीसरे बिलिंग विकल्प के तौर पर गूगल ने कहा कि ये डेवलपर्स सर्विस चार्ज का भुगतान किए बिना सिर्फ सर्विस के उपभोग के आधार पर चार्ज ले सकते हैं भले ही यह पेड सर्विस का हिस्सा हो। इस विकल्प के साथ कोई भी डेवलपर यूजर्स को ऐप खुलने पर लॉगिन करने और कंटेंट एक्सेस करने की अनुमति दे सकता है। गूगल ने कहा कि 26 अप्रैल, 2023 से नई प्ले नीति प्रभावी है।