ईश्वर के अस्तित्व का प्रमाण विज्ञान और गणित में है छिपा, हार्वर्ड के वैज्ञानिक का दावा
क्या है खबर?
मनुष्य सदियों से ईश्वर के अस्तित्व की तलाश कर रहा है। कुछ इसे आस्था से जोड़ते हैं, तो कुछ विज्ञान से समझना चाहते हैं।
अब अमेरिका के हार्वर्ड विश्वविद्यालय के वैज्ञानिक डॉ. विली सून का कहना है कि ईश्वर का अस्तित्व केवल विश्वास का विषय नहीं, बल्कि इसका प्रमाण विज्ञान और गणित में भी है।
फाइन-ट्यून तर्क के अनुसार, ब्रह्मांड की परिस्थितियां इतनी सटीक संतुलित हैं कि यह संयोग नहीं हो सकता, बल्कि किसी योजना के तहत बनाया गया है।
गणितीय प्रमाण
एंटीमैटर और गणितीय प्रमाण
डॉ. सून के अनुसार, बिग बैंग के समय पदार्थ और एंटीमैटर बने, लेकिन अगर इनकी मात्रा बराबर होती, तो वे एक-दूसरे को नष्ट कर देते और जीवन संभव नहीं होता।
वैज्ञानिक पॉल डिराक ने 1932 में एंटीमैटर की भविष्यवाणी की थी। उनका गणितीय समीकरण यह दर्शाता है कि ब्रह्मांड की संरचना केवल संयोग नहीं, बल्कि किसी सोची-समझी योजना का हिस्सा है।
डिराक ने लिखा था कि ब्रह्मांड के नियम उच्च स्तरीय गणितीय सिद्धांतों पर आधारित हैं।
राय
अन्य वैज्ञानिकों की राय
रिचर्ड स्विनबर्न और रॉबिन कोलिन्स जैसे वैज्ञानिक भी इस विचार का समर्थन करते हैं।
उनका कहना है कि ब्रह्मांड में गुरुत्वाकर्षण और अन्य शक्तियां इतनी संतुलित हैं कि यह केवल संयोग नहीं हो सकता। अगके गुरुत्वाकर्षण थोड़ा ज्यादा या कम होता, तो आकाशगंगाएं और ग्रह नहीं बन पाते।
ब्रह्मांड की विस्तार दर भी इतनी संतुलित है कि जीवन संभव हो सका। ये वैज्ञानिक मानते हैं कि ब्रह्मांड की यह संरचना किसी श्रेष्ठ बुद्धिमत्ता या शक्ति की योजना हो सकती है।