
क्या हैक हुआ लाखों कोविन यूजर्स का डाटा? सरकार ने लीक की खबरों को झूठा बताया
क्या है खबर?
भारत में कोरोना वायरस वैक्सिनेशन शुरू हो चुका है और इसके लिए कोविन (CoWIN) प्लेटफॉर्म पर रजिस्ट्रेशन करवाया जा सकता है।
बीते दिनों सामने आया कि कोविन प्लेटफॉर्म से करीब 15 करोड़ भारतीय यूजर्स का डाटा लीक हो गया है।
सरकार ने ऐसे डाटा लीक से जुड़ी रिपोर्ट्स को सिरे से नकार दिया है और फेक बताया है।
रिपोर्ट्स के बाद कोविन पोर्टल की सुरक्षा पर सवाल उठने लगे थे, जिसके बाद सरकार की ओर से जवाब दिया गया है।
ट्विटर पोस्ट
ट्वीट में दी जानकारी
Reports of #CoWIN platform being hacked, prima facie appear to be fake.
— Dr Harsh Vardhan (@drharshvardhan) June 10, 2021
Out of abundant precaution, emergency response team of @GoI_MeitY is investigating the matter.
Data speculated to have been leaked such as geo-location of beneficiaries, is not even collected on Co-WIN.
रिपोर्ट
वेबसाइट पर बिक रहा था लीक्ड डाटा
बीते शुक्रवार रिपोर्ट्स में सामने आया था कि डार्क लीक मार्केट नाम की वेबसाइट पर भारतीय यूजर्स का कोविड-19 वैक्सिनेशन डाटा विक रहा है।
मनीकंट्रोल ने अपनी रिपोर्ट में कहा था कि इस डाटा के बदले हैकर्स 800 डॉलर की रकम मांग रहे हैं।
हालांकि, वेबसाइट पर लिखा हुआ है कि यह डाटा की 'ओरिजनल लीकर' नहीं है।
रिपोर्ट में दावा किया गया है कि लीक्ड डाटा में करोड़ों यूजर्स के नाम, आधार नंबर और लोकेशन की जानकारी शामिल है।
ट्वीट
केंद्रीय मंत्री ने ट्वीट में दी जानकारी
रिपोर्ट्स को नकारते हुए मिनिस्ट्री फॉर हेल्थ एंड फैमिली वेलफेयर डॉ. हर्षवर्धन ने ट्वीट किया है।
ट्वीट में उन्होंने कहा, "कोविन प्लेटफॉर्म बैक होने से जुड़ी रिपोर्ट्स शुरू में फेक सामने आई हैं। हालांकि, सुरक्षा के लिहाज से (मिनिस्ट्री ऑफ इलेक्ट्रॉनिक्स एंड IT की) एक इमरजेंसी टीम इस मामले की जांच कर रही है।"
उन्होंने कहा कि रिपोर्ट्स में जिस जियो-लोकेशन डाटा का जिक्र किया गया है, वह डाटा कोविन प्लेटफॉर्म कलेक्ट भी नहीं करता है।
ट्विटर पोस्ट
फेक है डाटा लीक
[Alert] #CowinPortal Not Hacked!! Some Fake #DarkwebLeakMarket are claiming to sell data of 150 Million COVID19 Vaccinated People of India. It's completely fake. It's a Bitcoin Scam. Don't Trust. Check Screenshots. They are listing fake leaks. #Infosec @journoprasoon @ETtech pic.twitter.com/c39IGDT4dz
— Rajshekhar Rajaharia (@rajaharia) June 10, 2021
सुरक्षा
पूरी तरह सुरक्षित है कोविन प्लेटफॉर्म
डॉ. हर्ष वर्धन ने एक और ट्वीट में लिखा, "कोविन में स्टोर किया गया यूजर्स डाटा इससे बाहर किसी के साथ शेयर नहीं किया जाता और सिक्योर डिजिटल इनवायरमेंट में स्टोर होता है।"
इंडिपेंडेंट सिक्योरिटी रिसर्चर राजशेखर राझारिया ने भी बताया है कि कोविन पोर्टल हैक नहीं हुआ है।
राजशेखर का कहना है कि रिपोर्ट्स में किया गया दावा दरअसल एक 'बिटकॉइन स्कैम' से जुड़ा है, जिसका डाटा डार्क वेब पर बेचा जा रहा है।
लीक्स
सिक्योरिटी रिसर्चर ने दी जानकारी
राजशेखर राझारिया ने कुछ तस्वीरें ट्वीट की हैं और बताया है कि वेबसाइट पर पोस्ट किए गए 'लीक्ड डॉक्यूमेंट्स' फेक हैं।
उन्होंने बताया कि मोबिक्विक हैक और SBI YONO हैक जैसे दावों की तरह नई रिपोर्ट्स झूठी हैं, जिनका कोई डाटा डार्क वेब पर नहीं है।
ट्वीट में राजशेखर ने लिखा, "यह मार्केट अक्सर फेक डाटा लीक्स लोगों को स्कैम में फंसाने के लिए पोस्ट करता रहता है। ये लोगों से बेवजह बिटकॉइन ले रहे हैं।"