
क्या उपराष्ट्रपति चुनाव में हुई क्रॉस वोटिंग? किरेन रिजिजू के बयान से चर्चाएं शुरू
क्या है खबर?
संसद भवन में मंगलवार को हुए उपराष्ट्रपति के चुनाव में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) के उम्मीदवार सीपी राधाकृष्णन जीत गए हैं। उनको NDA में शामिल सांसदों से अधिक वोट मिले हैं। परिणाम के सामने आते ही विपक्षी INDIA गठबंधन में चर्चा शुरू हो गई है। हालांकि, करीब 15 सांसदों के वोट निरस्त भी हुए हैं। इस बीच केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू के पोस्ट ने क्रॉस वोटिंग को लेकर चिंता बढ़ा दी है।
बयान
रिजिजू ने क्या कहा?
संसदीय कार्य मंत्री रिजिजू ने मंगलवार को विपक्षी सांसदों से मिलते हुए अपना एक वीडियो को आगे बढ़ाते हुए एक्स पर लिखा, 'उपराष्ट्रपति चुनाव में NDA उम्मीदवार सीपी राधाकृष्णन जी के पक्ष में 'विवेक' से मतदान करने वाले INDI गठबंधन के कुछ सांसदों का विशेष धन्यवाद। NDA और हमारे सभी मित्र सांसद एकजुट हैं। एक विनम्र, कुशल व्यक्ति और सच्चे देशभक्त को भारत का नया उपराष्ट्रपति चुनने पर सभी को बधाई।' उन्होंने पोस्ट में किसी का नाम नहीं लिया है।
गणित
क्यों लग रहे क्रॉस वोटिंग के आरोप?
चुनाव में कुल 781 सांसदों को वोट डालना था, जिसमें 14 सांसदों ने वोट नहीं किया। ऐसे में सिर्फ 767 मतदाता सांसद मौजूद थे। ऐसे में NDA के पास कुल 427 और INDIA के पास कुल 315 सांसदों का समर्थन था, लेकिन 767 में भी 15 वोट अवैध घोषित रहे, जिसमें 10 NDA और 5 INDIA के सांसदों के थे। फिर भी NDA उम्मीदवार को 25 वोट अधिक (452) मिले, जबकि INDIA उम्मीदवार को 15 वोट कम सिर्फ 300 मिले।
शक
कहां से आए NDA के पास 25 अतिरिक्त वोट?
चुनाव में ओडिशा की बीजू जनता दल (BJD), तेलंगाना की भारत राष्ट्र समिति (BRS) और अकाली दल के 9 सांसद दूर थे, जबकि 16 सांसदों की स्थिति स्पष्ट नहीं थी। उधर, आंध्र प्रदेश में जगन रेड्डी की YSR कांग्रेस ने सीपी राधाकृष्णन को अपने 11 सांसदों का समर्थन दिया था। NDA के पास YSR के 11 सांसदों के मिलने से 438 वोट होते हैं, लेकिन अतिरिक्त 14 सांसदों का समर्थन INDIA गठबंधन में क्रॉस वोटिंग का सवाल उठा रहा है।