तमिलनाडु: चार किलो सोना, 610 किलो चांदी और 8,336 किताबें; सरकार द्वारा जयललिता की संपत्ति अधिग्रहित
क्या है खबर?
तमिलनाडु की छह बार मुख्यमंत्री रही स्वर्गीय जे जयललिता के चेन्नई स्थित आवास 'वेदा निलयम' को स्मारक में बदलने के लिए राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित की ओर से मई महीने में जारी किए गए अध्यादेश के तहत सरकार ने उनकी संपत्तियों को अधिग्रहित करना शुरू कर दिया है।
इसके तहत सरकार ने उनके आवास से चार किलो सोना, 610 किलो चांदी, 8,376 किताबें, 38 एयर कंडीशनर और 10,438 ड्रेस सामग्री सहित पोएस गार्डन को निवास में सूचीबद्ध किया है।
अन्य सामग्री
जयललिता के निवास से इन सामग्रियों को भी किया सूचीबद्ध
इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार अधिग्रहण की कार्रवाई के तहत सरकार ने जयललिता के घर में 11 टेलीविजन, 10 रेफ्रिजरेटर, 29 टेलीफोन और मोबाइल फोन, 394 स्मृति चिन्ह, 65 सूटकेस, 108 कॉस्मेटिक आइटम, छह घड़ियों, 556 फर्नीचर आइटम, 6,514 रसोई बर्तन, 1,712 साज-सज्जा सामान को भी उनकी संपत्ति में सूचीबद्ध किया है।
इसके अलावा आम के दो, कटहल का एक, नारियल और केले के पांच-पांच पेड़ों को भी सूचीबद्ध किया गया है।
यह आवास जयललिता की मां ने खरीदा था।
जानकारी
पुराचि थलाइवी जे जयललिता मेमोरियल फाउंडेशन की स्थापना होगी
अध्यादेश के तहत मुख्यमंत्री के पलनीस्वामी की अध्यक्षता में पुराचि थलाइवी जे जयललिता मेमोरियल फाउंडेशन की स्थापना की जाएगी। इसमें उपमुख्यमंत्री पन्नीरसेल्वम और अन्य लोग बतौर सदस्य शामिल होंगे। पलनीस्वामी ने जयललिता के निवास को स्मारक में बदलने की घोषणा पहले ही कर दी थी।
वारिस
जयललिता के भतीजे-भतीजी होंगे द्वितीय श्रेणी के कानूनी वारिस
राज्यपाल की ओर से जयललिता के आवास को स्मारक में बदलने का अध्यादेश जारी किए जाने के बाद मद्रास हाईकोर्ट ने जयललिता के भतीजे जे दीपक और भतीजी जे दीपा को उनका द्वितीय श्रेणी (सेकंड लाइन) का कानूनी उत्तराधिकारी घोषित किया था।
इसके साथ ही अदालत ने यह भी सुझाव दिया था कि जयललिता के निवास स्थान 'वेद निलयम' के किसी एक हिस्से का उपयोग मुख्यमंत्री कार्यालय के रूप में भी किया जा सकता है।
राशि
आवास अधिग्रहण के लिए सरकार ने जमा कराए थे 67.9 करोड़ रुपये
बता दें कि तमिलनाडु सरकार ने जयललिता के आवास 'वेदा निलयम' का अधिग्रहण करने के लिए हाल ही में चेन्नई की दीवानी अदालत में 67.9 करोड़ रुपये जमा कराए थे।
इस राशि में से 36.9 करोड़ रुपये आयकर और संपत्ति कर बकाया चुकता करने में दिए जाएंगे। जयललिता पर यह राशि आयकर विभाग की बकाया है।
सत्ताधारी अन्नाद्रमुक ने कहा कि पार्टी पर 0.55 एकड़ में फैली संपत्ति को स्मारक में बदलने की जवाबदेही और उसका अधिकार है।
चुनौती
सरकार के फैसले को चुनौती दे सकते हैं जयललिता के भतीजे-भतीजी
जयललिता के आवास को स्मारक बनाए जाने के राज्य सरकार के फैसले को उनका भतीजा और भतीजी न्यायालय में चुनौती दे सकते हैं।
दोनों ने ही संपत्ति पर अधिकार का दावा किया था और मद्रास हाई कोर्ट ने उन्हें क्लास-दो का वैध उत्तराधिकारी घोषित किया है। ऐसे में सरकार के इस फैसले में अभी भी अड़चन आ सकती है।
गौरतलब है कि जयललिता का लंबी बीमारी के बाद दिसंबर 2016 में निधन हो गया था।