राहुल ने सरकारी बंगला खाली करने के नोटिस का दिया जवाब, कहा- आदेश का पालन करूंगा
क्या है खबर?
कांग्रेस नेता और पूर्व सांसद राहुल गांधी ने दिल्ली के 12, तुगलक लेन स्थित सरकारी बंगले को खाली करने के नोटिस का पत्र लिखकर जवाब दिया है।
राहुल ने कहा कि 4 बार के लोकसभा सदस्य होने के नाते उनकी बंगले में गुजारे गए वक्त की अच्छी यादें हैं और वह पत्र में दिए गए आदेश का पालन करेंगे।
गौरतलब है कि लोकसभा सचिवालय ने कल ही राहुल को बंगला खाली करने का नोटिस भेजा था।
बंगला
राहुल गांधी को 2004 में आवंटित हुआ था बंगला
राहुल को दिल्ली के लुटियंस जोन में 12, तुगलक लेन स्थित सरकारी बंगला खाली करने के लिए नोटिस भेजा गया है।
राहुल को यह बंगला वर्ष 2004 में तब आवंटित हुआ था, जब वह पहली बार उत्तर प्रदेश की अमेठी सीट से लोकसभा सांसद चुने गए थे। इसके बाद से ही यह बंगला राहुल के नाम पर आवंटित है।
2019 में वह अमेठी से चुनाव हार गए, लेकिन वायनाड से जीत के कारण बंगला उन्हीं के पास रहा।
नोटिस
राहुल को 22 अप्रैल तक बंगला खाली करने के लिए कहा गया
लोकसभा सचिवालय द्वारा भेजे गए नोटिस में राहुल को 22 अप्रैल तक बंगला खाली करने के लिए कहा गया है।
नोटिस में कहा गया है, "आपको (राहुल) 12, तुगलक लेन स्थित बंगले में 22 अप्रैल तक रहने की अनुमति है। इस दौरान आप बंगले और उसकी उन सुविधाओं के हकदार होंगे, जिनके लिए आप 17वीं लोकसभा के सदस्य होने के नाते हकदार थे।"
नोटिस में आगे कहा गया था कि 23 अप्रैल को बंगले का आवंटन रद्द कर दिया जाएगा।
निशाना
मेरे साथ आकर रह सकते हैं राहुल- खड़गे
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने बंगला खाली करने का नोटिस मिलने के बाद राहुल को उनके साथ रहने का न्योता दिया है।
उन्होंने कहा, "राहुल को कमजोर करने की हरसंभव कोशिश की जा रही है। वह अपनी मां सोनिया गांधी के साथ रहे सकते हैं या मेरे साथ आकर रह सकते हैं।"
खड़गे ने कहा कि वह राहुल को डराने, धमकाने और अपमानित करने के लिए सरकार के रवैये की निंदा करते हैं।
विरोध
संसद में कांग्रेस का विरोध-प्रदर्शन जारी
कांग्रेस राहुल की लोकसभा सदस्यता खारिज किए जाने के खिलाफ संसद में लगातार प्रदर्शन कर रही है। कांग्रेस समेत विपक्ष की अन्य पार्टियां अडाणी-हिंडनबर्ग मामले की जांच संयुक्त संसदीय समिति (JPC) से करवाने की मांग भी अड़ी हुई हैं।
इसी संबंद में खड़गे के आवास पर सोमवार रात को 18 विपक्षी पार्टियों की एक बैठक हुई थी, जिसमें सभी पार्टियों ने मिलकर मोदी सरकार के खिलाफ लड़ाई जारी रखने का संकल्प लिया था।
मामला
मानहानि मामले में गई है राहुल की लोकसभा सदस्यता
राहुल ने 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान कर्नाटक में सभी चोरों के सरनेम मोदी होने की टिप्पणी की थी। इसके खिलाफ सूरत में भाजपा विधायक ने मानहानि का केस दायर किया था।
सूरत की एक कोर्ट ने राहुल को मानहानि का दोषी पाते हुए 2 साल की जेल और 15,000 रुपये जुर्माने की सजा सुनाई थी।
इसके एक दिन बाद ही लोकसभा सचिवालय ने अधिसूचना जारी कर राहुल की लोकसभा सदस्यता खत्म कर दी थी।