राहुल गांधी को भेजा गया दिल्ली स्थित बंगला खाली करने का नोटिस, 30 दिन का समय
क्या है खबर?
लोकसभा सचिवालय ने कांग्रेस नेता और वायनाड (केरल) के पूर्व सांसद राहुल गांधी को दिल्ली में आवंटित बंगला सरकारी खाली करने का नोटिस भेजा है। राहुल को बंगला खाली करने के लिए करीब एक महीने का समय मिला है।
2019 के मानहानि के मामले में सजा होने के बाद राहुल को लोकसभा सदस्य के तौर पर अयोग्य घोषित किया गया था। उन्हें सांसद के तौर पर ही ये बंगला मिला हुआ था, जिसे अब उन्हें खाली करना होगा।
नोटिस
नोटिस में क्या कहा गया है?
लोकसभा सचिवालय द्वारा भेजे गए नोटिस में राहुल को 22 अप्रैल तक बंगला खाली करने के लिए कहा गया है।
नोटिस में कहा गया, "आपको (राहुल) 12, तुगलक लेन स्थित बंगले में 22 अप्रैल तक रहने की अनुमति है। इस दौरान आप बंगले और उसकी उन सुविधाओं के हकदार होंगे, जिनके लिए आप 17वीं लोकसभा के सदस्य होने के नाते हकदार थे।"
नोटिस में आगे कहा गया है कि 23 अप्रैल को बंगले का आवंटन रद्द कर दिया जाएगा।
बंगला
राहुल गांधी को 2004 में आवंटित हुआ था बंगला
राहुल को दिल्ली के लुटियंस जोन में स्थित सरकारी बंगला खाली करने के लिए नोटिस भेजा गया है।
राहुल को 12, तुगलक लेन का यह बंगला वर्ष 2004 में तब आवंटित हुआ था, जब वह पहली बार उत्तर प्रदेश की अमेठी सीट से सांसद चुने गए थे। इसके बाद से ही यह बंगला राहुल के नाम पर आवंटित है।
2019 में वह अमेठी से चुनाव हार गए, लेकिन वायनाड से जीत के कारण बंगला उन्हीं के पास रहा।
बयान
राहुल के प्रति भाजपा की नफरत को दर्शाता है नोटिस- कांग्रेस सांसद
कांग्रेस सांसद प्रमोद तिवारी ने राहुल को बंगला खाली करने का नोटिस भेजे जाने पर प्रतिक्रिया देते हुए भाजपा पर निशाना साधा है।
उन्होंने कहा, "यह भाजपा की राहुल गांधी के प्रति नफरत को दर्शाता है। कोई भी व्यक्ति नोटिस देने के 30 दिनों बाद तक उसी घर में रह सकता है। यही नहीं, वह व्यक्ति 30 दिनों की अवधि बीत जाने के बाद बाजार की दरों पर किराए का भुगतान कर उसी घर में रहना जारी रख सकता है।"
मामला
मानहानि मामले में गई है राहुल की लोकसभा सदस्यता
राहुल ने 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान कर्नाटक में सभी चोरों के सरनेम मोदी होने की टिप्पणी की थी।
इसके खिलाफ सूरत में भाजपा विधायक ने मानहानि का केस दायर किया था। सूरत की एक कोर्ट ने राहुल को मानहानि का दोषी पाते हुए 2 साल की जेल और 15,000 रुपये जुर्माने की सजा सुनाई थी।
इसके एक दिन बाद ही लोकसभा सचिवालय ने अधिसूचना जारी कर राहुल की लोकसभा सदस्यता खत्म कर दी थी।