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शरद और अजित पवार क्या आएंगे साथ? इन वजहों से लग रही एक होने की अटकलें 
महाराष्ट्र में पवार परिवार के एक होने की अटकलें हैं

शरद और अजित पवार क्या आएंगे साथ? इन वजहों से लग रही एक होने की अटकलें 

लेखन आबिद खान
Jan 02, 2025
03:55 pm

क्या है खबर?

महाराष्ट्र में फिलहाल कोई चुनाव नहीं है, लेकिन यहां की राजनीति में फिर बदलाव के संकेत मिल रहे हैं। एक तरफ उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे के मिलन की अटकलें हैं तो दूसरी तरफ शरद पवार और अजित पवार में मतभेद खत्म होने की खबरें आ रही हैं। इस सिलसिले में कई बयान भी सामने आ रहे हैं, जिन्होंने अटकलों को और बढ़ा दिया है। आइए जानते हैं क्या नए साल में अजित और शरद एक होने जा रहे हैं।

मां का बयान

अजित की मां ने कहा- सारे विवाद खत्म होने चाहिए

नए साल के मौके पर अजित की मां आशा पवार ने पंढरपुर में प्रसिद्ध विट्ठल-रुक्मिणी मंदिर में पूजा-अर्चना की थी। इसके बाद उन्होंने कहा, "सभी के लिए आने वाला वर्ष अच्छा जाना चाहिए यही भगवान के चरणों में प्रार्थना की है। सारे विवाद खत्म होने चाहिए। शरद पवार और अजित पवार को फिर से एक होना चाहिए। मैंने कामना की है कि पवार परिवार के मतभेद जल्द खत्म हो जाएं। मुझे उम्मीद है कि पांडुरंग मेरी प्रार्थना जरूर सुनेंगे।"

प्रफुल्ल पटेल

प्रफुल्ल पटेल बोले- शरद साथ आए तो खुशी होगी

अजित की मां के बयान पर राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP अजित) के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष प्रफुल्ल पटेल ने शरद को पिता तुल्य व्यक्ति बताया। उन्होंने कहा, "शरद पवार हमारे देवता हैं। हमारे मन में उनके लिए बेहद सम्मान है। हम उन्हें जन्मदिन की बधाई देने गए थे और हम उनके साथ अच्छे संबंध बनाए रखना चाहेंगे। कल क्या होगा कोई नहीं जानता, लेकिन अगर वे फिर से साथ आते हैं तो हमें बहुत खुशी होगी।"

बयान

ये बयान भी दे रहे मतभेद खत्म होने के संकेत

NCP विधायक नरहरि जिरवाल ने कहा, "जून, 2023 में हुए विभाजन के बाद शरद पवार को छोड़ना अजीब लगा। कई लोगों की यही भावना है। अब मैं उनसे संपर्क करूंगा और उन्हें और अजित को फिर से साथ आने के लिए प्रोत्साहित करूंगा।" भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले ने कहा, "अगर दोनों पवार एक साथ आ रहे हैं तो भाजपा के लिए इसके विरोध करने का कोई कारण नहीं है। उन्हें फैसला करना है।"

अटकलें

क्यों लग रही हैं चाचा-भतीजे के एक होने की अटकलें?

महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों में शरद के नेतृत्व वाली NCP ने अब तक का सबसे बुरा प्रदर्शन किया है। उसे केवल 10 सीटें मिली हैं, जबकि अजित गुट ने लोकसभा चुनावों के बाद आश्चर्यजनक सफलता प्राप्त करने हुए 41 सीटें जीती हैं। इसके बाद से ही पवार परिवार में मतभेद सुलझने की अटकलें हैं। शरद की उम्र और अजित को मिलते समर्थन की वजह से परिवार के अन्य सदस्य भी चाहते हैं कि चाचा-भतीजे एक हो जाएं।

बंटवारा

जुलाई, 2023 में अजित ने की थी बगावत

2 जुलाई, 2023 को अजित ने NCP से बगावत करते हुए एकनाथ शिंदे सरकार को समर्थन दे दिया था। इसके बाद अजित उपमुख्यमंत्री बने और NCP में 2 फाड़ हो गई। बाद में विधायकों की अयोग्यता से लेकर पार्टी पर अधिकार का मामला सुप्रीम कोर्ट भी गया, जहां से शरद को झटका लगा। कोर्ट ने अजित गुट को ही असली NCP माना और चुनाव चिन्ह से लेकर पार्टी संपत्तियों का अधिकार अजित को दिया।