
महिला आरक्षण विधेयक: ओवैसी, आतिशी और राबड़ी देवी समेत किस-किस ने किया विरोध?
क्या है खबर?
केंद्र सरकार ने संसद के विशेष सत्र के दूसरे दिन महिला आरक्षण से जुड़ा 'नारी शक्ति वंदन विधेयक' पेश किया। इसमें लोकसभा और राज्यों की विधानसभाओं में महिलाओं को 33 प्रतिशत आरक्षण दिए जाने का प्रावधान है। विधेयक के पेश होने के बाद ही विपक्ष के नेताओं ने या तो इसका विरोध किया है या इसमें कुछ संशोधन की मांग की है। जानते हैं कि विधेयक पर किस नेता ने क्या कहा और क्या मांग की।
ओवैसी
आरक्षण में मुस्लिम महिलाओं का हो कोटा- ओवैसी
ऑल इंडिया मजलिस ए इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के मुखिया और लोकसभा सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने महिला आरक्षण विधेयक में मुस्लिम और अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) के लिए अलग कोटे की मांग की। उन्होंने कहा, "आप किसे नुमाइंदगी दे रहे हैं? जिनका प्रतिनिधित्व नहीं है, उन्हें प्रतिनिधित्व दिया जाए। इस विधेयक में बड़ी खामी यह है कि इसमें मुस्लिम औरतों के लिए कोई कोटा नहीं है। इस वजह से हम इसके खिलाफ हैं।''
राबड़ी
राबड़ी देवी बोलीं- आरक्षण के अंदर आरक्षण हो
बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी ने विधेयक के मौजूदा स्वरूप का विरोध किया है। उन्होंने कहा, "विधेयक में जो 33 प्रतिशत आरक्षण दिया गया है, उसमें अनुसूचित जाति (SC), अनुसूचित जनजाति (ST) और OBC महिलाओं के लिए सीटें आरक्षित नहीं की गई हैं। SC/ST वर्गों के लिए जो प्रावधान किया है, वह उन वर्गों के लिए पहले से ही आरक्षित सीटों में से SC/ST की महिलाओं को 33 प्रतिशत मिलेगा।"
चंद्रशेखर
भीम आर्मी मुखिया बोले- जनसंख्या के अनुपात में मिले आरक्षण
भीम आर्मी के मुखिया चंद्रशेखर आजाद ने कहा, "SC, ST वर्गों के लिए वर्तमान में आरक्षित सीटों को छोड़कर, बाकी जनरल सीटों में SC/ST और OBC वर्गों की महिलाओं के लिए उनकी जनसंख्या के अनुपात में महिला आरक्षण के भीतर आरक्षण होना चाहिए। सरकार अगर वास्तिविकता में इन वर्गों की महिलाओं का सशक्तिकरण चाहती है तो SC, ST और OBC वर्गों की महिलाओं के लिए सभी सदनों- लोकसभा, राज्यसभा, विधानसभा और विधान परिषद में भी आरक्षण लागू करे।"
मायावती
मायावती ने किया समर्थन
बहुजन समाज पार्टी (BSP) नेता मायावती ने कहा, "महिलाओं को लोकसभा व राज्य की विधानसभाओं में आरक्षण 33 प्रतिशत देने की बजाय यदि आबादी को ध्यान में रखकर 50 प्रतिशत दिया जाता है तो इसका हमारी पार्टी पूरे तहेदिल से स्वागत करेगी। आरक्षण में SC, ST व OBC वर्गों की महिलाओं का कोटा अलग से सुनिश्चित किया जाना चाहिये, वरना इन वर्गो के साथ काफी नाइंसाफी होगी।" BSP ने विधेयक का समर्थन किया है।
AAP
AAP ने किया विधेयक का विरोध
आम आदमी पार्टी (AAP) नेता आतिशी ने कहा, ''विधेयक के प्रावधान 2024 में लागू नहीं होंगे। भाजपा को महिलाओं के कल्याण में कोई दिलचस्पी नहीं। हमारी मांग विधेयक से परिसीमन, जनगणना के प्रावधानों को हटाने और 2024 के लोकसभा चुनाव में आरक्षण क्रियान्वित करने की है। परिसीमन और जनगणना के प्रावधानों को क्यों शामिल किया गया? इसका मतलब है कि 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले महिला आरक्षण लागू नहीं किया जाएगा।"
प्लस
न्यूजबाइट्स प्लस
केंद्र सरकार ने जो विधेयक पेश किया है, उसमें विधानसभा और लोकसभा में महिलाओं को 33 प्रतिशत आरक्षण दिया जाएगा। इसी 33 प्रतिशत में से एक तिहाई सीटें अनुसूचित जाति (SC) और अनुसूचित जनजाति (ST) महिलाओं के लिए होंगी। यानी SC और ST महिलाओं को अलग से आरक्षण नहीं मिलेगा। विधान परिषद और राज्यसभा में ये आरक्षण लागू नहीं होगा। विधेयक में कहा गया है कि आरक्षण जनगणना और परिसीमन के बाद लागू होगा।