लिवर सिरोसिस के जोखिम को कम करने में सहायक हैं ये योगासन, ऐसे करें अभ्यास
क्या है खबर?
लिवर सिरोसिस लिवर से जुड़ा एक गंभीर रोग है जो इसके टिश्यू को बुरी तरह प्रभावित करता है और लिवर की कार्यप्रणाली को बाधित करता है।
अगर ये बीमारी बढ़ जाए तो इसका लिवर ट्रांसप्लांट के अलावा और कोई इलाज नहीं बचता है, इसलिए समय रहते इसका सही इलाज जरूरी है।
आइए आज हम आपको कुछ ऐसे योगासनों के अभ्यास का तरीका बताते हैं जो लिवर सिरोसिस के जोखिम कम करने में सहायक हैं।
#1
नौकासन
नौकासन के अभ्यास के लिए सबसे पहले योगा मैट पर श्वासन की मुद्रा में लेट जाएं।
इसके बाद अपने दोनों पैरों के पंजों को आपस में जोड़ते हुए उन्हें 45 डिग्री तक सांस भरते हुए उठा लें।
अब अपने दोनों हाथों को कंधे की सीध में उठाते हुए घुटनों की तरफ एकदम सीधा रखें। इसी अवस्था में अपने सिर और पीठ को भी उठाएं और नाव का आकार ले लें।
इसके बाद सांस छोड़ते हुए धीरे-धीरे योगासन को छोड़ें।
#2
उष्ट्रासन
उष्ट्रासन का अभ्यास करने के लिए सबसे पहले योगा मैट बिछाकर उस पर घुटनों के बल बैठ जाएं और फिर घुटनों के बल ही खड़े हो जाएं।
अब सामान्य रूप से सांस लेते हुए पीछे की ओर झुकें और दाईं हथेली को दाईं एड़ी पर और बाईं हथेली को बाईं एड़ी पर रखने की कोशिश करें।
इस मुद्रा में कम से कम एक-दो मिनट रहने के बाद धीरे-धीरे सामान्य हो जाएं और कुछ मिनट विश्राम करें।
#3
भुजंगासन
भुजंगासन के अभ्यास के लिए सबसे पहले योगा मैट पर अपने हाथों को अपने कंधों के नीचे रखकर पेट के बल लेट जाएं।
अब अपने हाथों से दबाव देते हुए अपने शरीर को जहां तक संभव हो सके, ऊपर उठाने की कोशिश करें। इस दौरान सामान्य तरीके से सांस लेते रहें।
कुछ देर इसी मुद्रा में बने रहें और फिर धीरे-धीरे सामान्य हो जाएं। कुछ देर बाद इस योगासन को फिर से दोहराएं।
#4
कपालभाति प्राणायाम
कपालभाति प्राणायाम के अभ्यास के लिए पहले योगा मैट पर पद्मासन की मुद्रा में बैठें और अपने दोनों हाथों को घुटनों पर ज्ञान मुद्रा में रखें।
इसके बाद अपनी दोनों आंखों को बंद करें और अपने पूरे शरीर को ढीला छोड़कर नाक से गहरी सांस लें। फिर पेट की मांसपेशियों को सिकोड़ते हुए इस सांस को छोड़ें।
कुछ मिनट तक इस प्रक्रिया को दोहराते रहें। इसके बाद धीरे-धीरे अपनी आंखों को खोलें और प्राणायाम का अभ्यास बंद कर दें।