पॉटरी की कला सीखना चाहते हैं? जानिए मिट्टी के बर्तन बनाने का सही तरीका
क्या है खबर?
पॉटरी एक प्राचीन कला है, जो मिट्टी के बर्तन बनाने की प्रक्रिया होती है।
यह कला भारत के इतिहास का अहम हिस्सा रही है, क्योंकि पुराने समय में आम लोग धातु के बजाय मिट्टी के बर्तन इस्तेमाल किया करते थे।
आज के समय में लोग इसे शौक के रूप में अपना रहे हैं और इसकी लोकप्रियता में तेजी से बढ़ोतरी हो रही है।
आइए इस लेख में पॉटरी कला सीखने का सही तरीका जान लेते हैं।
#1
मिट्टी का चुनाव कर उसे मुलायम बनाएं
पॉटरी का सबसे पहला चरण यह तय करना होता है कि आप बर्तनों के लिए किस प्रकार की मिट्टी का उपयोग करेंगे।
वैसे तो कई प्रकार की मिट्टियां होती हैं, लेकिन सभी को 2 श्रेणियों में बाटा जाता है। आप लाल मिट्टी, चीनी मिट्टी या सिरेमिक मिट्टी में से चुन सकते है।
मिट्टी चुनने के बाद उसे गीला करके गूंधा जाता है, ताकि वह मुलायम हो जाए और उसमें मौजूद हवा के बुलबुले फूट जाएं।
#2
बर्तन को आकार दें
अगला चरण है बर्तन को आकार देना, जो सबसे मुश्किल और मजेदार होता है। इसके लिए सबसे पहले पहिया रखें और उसे घुमाते हुए मिट्टी को कूटें और आकार दें।
ध्यान रहे कि बर्तन बनाते समय आपकी मिट्टी ज्यादा सूख न जाए, वर्ना उसे आकार देना मुश्किल हो जाएगा।
अगर आपको किसी वजह से काम रोकना पड़े तो बर्तन को प्लास्टिक की पन्नी में लपेटकर दफ्ती के डिब्बे में रखें और उसे गर्म होने दें।
#3
बर्तन को सुखाएं
जब आपका मिट्टी का बर्तन तैयार हो जाए तो उसे सुखाना न भूलें। उसे धीरे-धीरे और समान रूप से सुखाएं और ज्यादा गर्म तापमान के संपर्क में न लाएं।
उसे सीधे धूप में रखने से बचें, वर्ना उसमें दरारें पड़ सकती हैं। इसके बजाय बर्तन को हल्के गर्म कमरे में रखकर सुखाएं।
इसमें कुछ दिनों या हफ्तों का समय लग सकता है। जब बर्तन लगभग पूरी तरह से सूख जाए तो उसे लकड़ी की अलमारी पर रख दें।
#4
बर्तन को गर्म करें और चमकाएं
बर्तन के सूखने के बाद आपको रेगमाल लेकर उसे घिसना चाहिए, ताकि फिनिशिंग की जा सके। इसके बाद उसे गर्म करने की बारी आती है, जो सबसे जरूरी चरण होता है।
इसके लिए आप बिजली से चलने वाली ब्रिस्क फायरिंग मशीन का उपयोग कर सकते हैं। इस प्रक्रिया से बर्तन मजबूत बन जाएगा।
अब बर्तन पर ग्लेज लगाकर उसे चकाएं। इसके लिए बर्तन को ग्लेज में डुबाया जा सकता है या ब्रश की मदद से लगाया जा सकता है।