तैलीय त्वचा से जुड़े ये वहम हैं लोगों प्रचलित, आखिर क्या है इनकी सच्चाई?
क्या है खबर?
जिन लोगों की त्वचा तैलीय होती है, उनके चेहरे पर थोड़ी-थोड़ी देर में तेल उत्पन्न होने लगता है।
इसका कारण सक्रिय वसामय ग्रंथियां होती हैं, जो अधिक मात्रा में सीबम का उत्पादन करती हैं।
ये तेल और पसीने को बढ़ा देती हैं, जिसके कारण रोमछिद्र बंद हो जाते हैं, मुंहासे निकलने लगते हैं और त्वचा रूखी हो जाती है।
तैलीय त्वचा की देखभाल को लेकर लोगों के मन में कई भ्रम हैं, जिनकी सच्चाई हम आपको इस लेख में बताएंगे।
#1
भ्रम: तैलीय त्वचा को नहीं होती मॉइस्चराइजर की जरूरत
तैलीय त्वचा से जुड़ा सबसे आम वहम यह है कि उस पर कभी मॉइस्चराइजर का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। हालांकि, अगर आप तैलीय त्वचा पर मॉइस्चराइजर नहीं लगाएंगे तो वह रूखी और डिहाइड्रेट हो जाएगी।
इसके परिणामस्वरूप त्वचा का तैलीयपन और बढ़ जाएगा, ताकि उसकी नमी वापस पाई जा सके। इसीलिए आपको अपनी तैलीय त्वचा पर एक तेल मुक्त और जल आधारित मॉइस्चराइजर जरूर लगाना चाहिए।
ये मॉइस्चराइजर रोमछिद्रों को बंद नहीं करेंगे और त्वचा को नमी भी देंगे।
#2
भ्रम: बार-बार मुंह धोने से कम हो जाता है तैलीयपन
जिन लोगों की त्वचा तैलीय होती है वे बार-बार अपना चेहरा धुलते रहते हैं, ताकि तैलीयपन को कम किया जा सके।
हालांकि, काफी कम लोग जानते हैं कि इसका उल्टा असर भी हो सकता है।
बार-बार मुंह धोने से त्वचा में प्राकृतिक तेल की कमी आ जाती है, जिसे बहाल करने के लिए त्वचा और तेल पैदा करने लगती है।
इस समस्या से बचने के लिए आपको बार-बार नहीं, बल्कि दिन में केवल 2 बार चेहरा धोना चाहिए।
#3
भ्रम: तैलीय त्वचा को और चिपचिपा बना देती है सनस्क्रीन
तैलीय त्वचा वाले लोग मानते हैं कि सनस्क्रीन उनकी त्वचा को और चिपचिपा बना देती है और मुंहासों का कारण बनती है।
हालांकि, उन्हें समझ नहीं आता कि सूरज की किरणों से त्वचा को सुरक्षित रखना कितना जरूरी होता है। सूरज की क्षति बुढ़ापे के लक्षणों को बढ़ाती है, टैनिंग का कारण बनती है और दाग-धब्बे पैदा करती है।
तैलीय त्वचा वाले लोगों को ऑयल-फ्री सनस्क्रीन लगानी चाहिए, जो जेल आधारित और मैट फिनिश वाली हों।
#4
भ्रम: तैलीय त्वचा होती है अस्वस्थ
दुनियाभर के लोगों को यह भ्रम है कि तैलीय त्वचा पूरी तरह अस्वस्थ होती है। हालांकि, इस प्रकार की त्वचा वाले लोगों के चेहरे पर मौजूद प्राकृतिक तेल उसे पर्यावरणीय क्षति से बचाने में मदद करता है।
हर किसी की त्वचा अलग होती है और तेल का उत्पादन हार्मोन, आहार और तनाव से प्रभावित होता है।
तैलीय त्वचा होने का मतलब है कि आपकी त्वचा को अधिक ध्यान, देखभाल और एक अलग त्वचा देखभाल दिनचर्या की जरूरत है।
#5
भ्रम: तैलीय त्वचा पर नहीं लगाना चाहिए मेकअप
मेकअप करना हर महिला को पसंद होता है, लेकिन तैलीय त्वचा वाली कुछ महिलाएं इसे लगाने से कतराती हैं। माना कि तैलीय त्वचा पर मेकअप लगाने से वह बह सकता है या ऑक्सीडाइज हो सकता है।
हालांकि, इन समस्याओं से बचने के लिए आपको अपनी त्वचा के अनुसार बनाए गए मेकअप उत्पाद इस्तेमाल करने चाहिए।
तैलीय त्वचा पर नॉन-कॉमिडोजेनिक उत्पाद, मैटिफाइंग प्राइमर, तेल सोखने वाला पाउडर और सेटिंग स्प्रे लगाना सही रहता है।