पूर्वोत्तर भारत की सात बहनों का आकर्षण केंद्र है ये जगहें, एक बार जरूर जाएं
क्या है खबर?
पूर्वोत्तर भारत की सात बहनें (अरुणाचल प्रदेश, असम, मणिपुर, मेघालय, मिजोरम, नागालैंड और त्रिपुरा) प्राकृतिक सुंदरता और सांस्कृतिक विविधता से भरपूर हैं।
यहां के हरे-भरे जंगल, ऊंचे पहाड़ और अनोखे रीति-रिवाज पर्यटकों को आकर्षित करते हैं।
इन राज्यों में यात्रा करना एक अद्वितीय अनुभव है, जो आपको प्रकृति के करीब ले जाता है।
अगर आप शांति और प्राकृतिक सौंदर्य का आनंद लेना चाहते हैं तो पूर्वोत्तर भारत आपके लिए एक आदर्श गंतव्य है।
#1
अरुणाचल प्रदेश में तवांग मठ की यात्रा करें
अरुणाचल प्रदेश का तवांग मठ एशिया का सबसे बड़ा बौद्ध मठ है।
यह समुद्र तल से लगभग 3,000 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है और यहां से हिमालय का शानदार दृश्य दिखाई देता है।
इस मठ में बौद्ध धर्म के अनुयायियों के लिए कई धार्मिक गतिविधियां होती हैं। यहां आने वाले लोग ध्यान और योग जैसी गतिविधियों में भाग लेकर मानसिक शांति पा सकते हैं।
तवांग मठ की वास्तुकला भी बहुत सुंदर है, जो इसे देखने लायक बनाती है।
#2
असम के काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान में वन्यजीवन का आनंद लें
काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान असम का एक प्रमुख पर्यटन स्थल है, जहां आप भारतीय गैंडे को उनके प्राकृतिक आवास में देख सकते हैं।
यह उद्यान यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल भी घोषित किया गया है। यहां सफारी करके आप हाथी, बाघ और विभिन्न प्रकार के पक्षियों को देख सकते हैं।
काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान वन्यजीवन प्रेमियों के लिए स्वर्ग समान स्थान है, जहां वे प्रकृति की गोद में समय बिता सकते हैं।
#3
मेघालय के चेरापूंजी में जीवित जड़ पुलों को देखें
मेघालय का चेरापूंजी अपने जीवित जड़ पुलों के लिए मशहूर है, जो रबर के पेड़ों की जड़ों से बने होते हैं।
ये पुल स्थानीय खासी जनजाति द्वारा बनाए जाते हैं और इनका उपयोग गांवों को जोड़ने के लिए किया जाता है।
इन पुलों पर चलना एक रोमांचक अनुभव होता है क्योंकि ये पूरी तरह से प्राकृतिक होते हुए भी मजबूत होते हैं।
चेरापूंजी अपनी भारी वर्षा के कारण भी जाना जाता है, जिससे यहां हरियाली बनी रहती है।
#4
नागालैंड के खोनोमा गांव में जाएं
नागालैंड में स्थित खोनोमा गांव को एशिया का पहला 'ग्रीन विलेज' माना जाता है।
यह नागालैंड की राजधानी कोहिमा से 20 किलोमीटर की दूरी पर मौजूद है। चारों ओर हरियाली से घिरा ये गांव लगभग 700 साल पुराना है।
अगर आप गौर से इस गांव को देखेंगे तो पाएंगे कि खोनोमा में बना हर घर एक दूसरे से जुड़ा है।
प्रकृति प्रेमियों के लिए यह जगह किसी जन्नत से कम नहीं है। यह पूरी जगह घूमने के लिए बेहतरीन है।
#5
त्रिपुरा में उनाकोटेश्वर शिव की विशाल प्रतिमा देखें
उनाकोटेश्वर शिव की विशाल प्रतिमा त्रिपुरा का प्रमुख आकर्षण है। यह प्रतिमा लगभग 30 फीट ऊंची है और इसे पहाड़ों पर उकेरा गया है।
इस अद्भुत शिल्पकला को देखकर आप अचंभित रह जाएंगे क्योंकि यह प्राचीन भारतीय कला का उत्कृष्ट उदाहरण प्रस्तुत करती है।
इस प्रतिमा के चारों ओर कई अन्य छोटी-छोटी मूर्तियां भी देखी जा सकती हैं, जो विभिन्न देवी-देवताओं को दर्शाती हैं।
यहां आकर आपको भारतीय संस्कृति और इतिहास की झलक मिलेगी।
#6
मिजोरम की रिहल डार्क गुफाएं का जरूर रुख करें
मिजोरम के चंफाई में स्थित रिहल डार्क गुफाएं एक अनोखी गुफा प्रणाली है, जो पर्यटकों को रोमांचक अनुभव प्रदान करती है।
ये गुफाएं अपने अद्वितीय संरचना के लिए जानी जाती हैं और यहां आप विभिन्न प्रकार के पत्थरों और खनिजों को देख सकते हैं।
गुफाओं में प्रवेश करते ही आपको ठंडक महसूस होगी और अंदर की प्राकृतिक सुंदरता आपको मंत्रमुग्ध कर देगी। यह स्थान फोटोग्राफी के शौकीनों के लिए भी आदर्श है।
#7
मणिपुर की लोकटक झील है बहुत मशहूर
मणिपुर की यह झील बेहद ही खास पर्यटन स्थल है क्योंकि यह विश्व की एकमात्र ऐसी झील है, जिसमें तैरते हुए टापू पाए जाते हैं।
इसके अलावा यह झील तैरती फुमदी के लिए भी प्रसिद्ध है। फुमदी यानी मिट्टी, वनस्पति और अन्य कार्बनिक पदार्थों का जमा द्रव्य है, जो इस झील को देखने आएं पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करता है।
इसलिए जब भी मणिपुर घूमने जाएं तो इस झील को देखने जरूर जाएं।