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मधुमेह के जोखिम को 38 प्रतिशत तक बढ़ा सकता है डाइट सोडा का एक कैन- अध्ययन 

मधुमेह के जोखिम को 38 प्रतिशत तक बढ़ा सकता है डाइट सोडा का एक कैन- अध्ययन 

लेखन सयाली
Aug 02, 2025
11:08 am

क्या है खबर?

सोडा युक्त पेय के बेहतर विकल्प के रूप में लोग डाइट सोडा पीना पसंद करते हैं। इस तरह के सोडा में चीनी की जगह आर्टिफिशियल स्वीटनर मिलाए जाते हैं, जिन्हें स्वास्थ्यवर्धक बताकर बेचा जाता है। हालांकि, अब एक नए अध्ययन में डाइट सोडा के एक खतरनाक नकारात्मक प्रभाव को उजागर किया गया है। इसके मुताबिक, दिन में केवल एक कैन डाइट सोडा पीने से टाइप-2 मधुमेह का खतरा 38 प्रतिशत तक बढ़ सकता है।

अध्ययन

ऑस्ट्रेलिया और नीदरलैंड में हुआ यह अध्ययन

अध्ययन को ऑस्ट्रेलिया और नीदरलैंड के कई संस्थानों के शोधकर्ताओं ने मिलकर पूरा किया है। इसे 'डायबिटीज एंड मेटाबॉलिज्म' नामक पत्रिका में प्रकाशित भी किया गया है। वैसे तो आर्टिफिशियल स्वीटनर को चीनी का सेहतमंद विकल्प माना जाता है, लेकिन इस अध्ययन ने उनके दुष्प्रभाव पर प्रकाश डाला है। इसमें पाया गया कि कई सालों तक रोजाना आर्टिफिशियल स्वीटनर से मीठे किए गए सोडा युक्त पेय का एक कैन पीने से मधुमेह होने का खतरा 38 प्रतिशत बढ़ जाता है।

प्रक्रिया

36,608 लोग बने इस शोध का हिस्सा

आर्टिफिशियल स्वीटनर वाले पेय ज्यादा खतरनाक हैं। इसका कारण है कि चीनी युक्त पेय पदार्थों के सेवन से मधुमेह के जोखिम में 23 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई। इस अध्ययन को पूरा करने के लिए 40-69 वर्ष की आयु वाले 36,608 आस्ट्रेलियाई लोगों के खान-पान की आदतों पर नजर रखी गई थी। प्रतिभागियों ने जानकारी दी कि वह आर्टिफिशियल स्वीटनर और चीनी का कितना सेवन करते थे। इसके बाद उनके स्वास्थ्य रिकॉर्ड का औसतन 14 वर्षों तक अवलोकन किया गया।

नतीजे

दोनों प्रकार के पेय बढ़ाते हैं मधुमेह का जोखिम

सामने आया कि रोजाना आर्टिफिशियल स्वीटनर या चीनी वाले पेय पदार्थ पीने से टाइप-2 मधुमेह विकसित होने की संभावना काफी बढ़ जाती है। दिलचस्प बात यह है कि जब जांच में शरीर के वजन को भी शामिल किया गया तो मीठे पेय पदार्थों और मधुमेह के बीच का संबंध गायब हो गया। हालांकि, जब आर्टिफिशियल स्वीटनर के साथ शरीर के वजन की भी जांच की गई तो बढ़े हुए जोखिम की मौजूदगी कायम थी।

निष्कर्ष

इस विषय में और जांच की होगी जरूरत

मधुमेह के खतरे को बढ़ाने में कई करक योगदान दे सकते हैं। इसीलिए, शोधकर्ता यह नहीं कह सकते कि आर्टिफिशियल स्वीटनर ही सीधे तौर पर इसका कारण हैं। सभी आंकड़े यही दर्शाते हैं कि दोनों के बीच एक संबंध मौजूद है। हालांकि, इस संबंध को गहराई से समझने के लिए अभी और जांच की जरूरत होगी। शोधकर्ताओं को संदेह है कि कुछ आर्टिफिशियल स्वीटनर ब्लड शुगर के स्तर में हस्तक्षेप कर सकते हैं, जिससे मधुमेह का खतरा बढ़ सकता है।

जानकारी

अन्य स्वीटनर भी हैं खतरे की घंटी

कुछ अन्य स्वीटनर आंत के बैक्टीरिया को नुकसान पहुंचाने का काम करते हैं, जिससे शरीर में ग्लूकोज इनटॉलेरेंस बढ़ जाती है। इस तरह की क्रियाएं मधुमेह के जोखिम को बढ़ा सकती हैं, यहां तक कि उन लोगों में भी जिनका वजन नहीं बढ़ रहा हो।