मुंबई में घर खरीदना हुआ आसान, अब इतने आय की पड़ेगी जरूरत
क्या है खबर?
मुंबई में घर खरीदना पिछले कुछ सालों के मुकाबले वर्तमान में थोड़ा सस्ता हो गया है। नाइट फ्रैंक इंडिया अफोर्डेबिलिटी इंडेक्स रिपोर्ट के मुताबिक, अब मुंबई में घर खरीदने के लिए परिवार की आय का करीब 47 प्रतिशत खर्च करना पड़ता है। यह आंकड़ा पिछले साल 50 प्रतिशत था, जबकि 2010 में यह 93 प्रतिशत तक पहुंच गया था। यह पहली बार है जब मुंबई 50 प्रतिशत की अहम अफोर्डेबिलिटी सीमा से नीचे आई है।
संकेत
50 प्रतिशत सीमा से नीचे जाना बना बड़ा संकेत
रिपोर्ट के अनुसार, 50 प्रतिशत अफोर्डेबिलिटी लिमिट को बैंक मॉर्गेज की स्थिरता का अहम पैमाना मानते हैं। इस स्तर से ऊपर लोन मिलना मुश्किल होता है, जबकि नीचे आने पर मिडिल क्लास के लिए घर खरीदना संभव हो जाता है। मुंबई का इस सीमा से नीचे आना लाखों परिवारों के लिए राहत की खबर है। इससे संकेत मिलता है कि ऊंची कीमतों के बावजूद अब फाइनेंसिंग और आय के हालात बेहतर हुए हैं।
स्थिति
अन्य शहरों में भी सुधरी स्थिति
यह सुधार सिर्फ मुंबई तक सीमित नहीं रहा है। भारत के 8 बड़े शहरों में से सात में 2025 के दौरान घर खरीदना आसान हुआ है। इसकी बड़ी वजह भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा फरवरी से अब तक 125 बेसिस पॉइंट की ब्याज दर कटौती रही है। अहमदाबाद 18 प्रतिशत के साथ सबसे सस्ता बाजार बना, जबकि पुणे और कोलकाता 22 प्रतिशत पर रहे। चेन्नई, बेंगलुरु और हैदराबाद में भी अफोर्डेबिलिटी संतुलित बनी हुई है।
अनुमान
आगे भी बने रह सकते हैं अच्छे हालात
विशेषज्ञों का कहना है कि आय में तेज बढ़ोतरी और ब्याज दरों में नरमी ने रियल एस्टेट को सपोर्ट दिया है। नाइट फ्रैंक का अनुमान है कि 2026 तक हालात अनुकूल बने रह सकते हैं। हालांकि, NCR में प्रीमियम प्रोजेक्ट्स की वजह से थोड़ी गिरावट दिखी है, लेकिन वह भी 50 प्रतिशत सीमा से काफी नीचे है। फिलहाल डाटा संकेत देता है कि घर खरीदने का यह मौका खरीदारों के लिए अहम हो सकता है।