जैतून का तेल बनाम वनस्पति तेल: स्वास्थ्य के लिहाज से किसका उपयोग है ज्यादा बेहतर?
कई लोग खान-पान के लिए जैतून और वनस्पति तेल का उपयोग करते हैं। अगर आप इस बात को लेकर उलझन में रहते हैं कि इनमें से किसका उपयोग अधिक स्वास्थ्यवर्धक है तो आज का लेख आपके लिए है। आइज हम आपको बताते हैं कि ये तेल पोषण, स्वाद और संभावित स्वास्थ्य लाभों के मामले में एक दूसरे से कैसे भिन्न हैं ताकि आप इनमें से किसी एक का चयन आसानी से कर सकें।
जैतून और वनस्पति तेल बनाने का तरीका और प्रकार
जैतून तेल जैतून के गूदे से निकाला जाता है और अमूमन इसका उपयोग सलाद, पास्ता और अन्य इटैलियन व्यंजनों में ज्यादा किया जाता है। यह मुख्य रूप से 4 तरह का होता है, जिसमें से वर्जिन जैतून तेल हरे रंग का होता है, जबकि सामान्य जैतून तेल, पोमेस जैतून तेल और रिफाइंड जैतून तेल जैसी अन्य किस्में पीले रंग की होती हैं। दूसरी ओर वनस्पति तेल विभिन्न पौधों के स्रोतों जैसे बीज, अनाज और सूखे मेवों से बनाया जाता है।
दोनों तेल में वसा की मात्रा कितनी?
जैतून का तेल 14 प्रतिशत संतृप्त वसा और 85 प्रतिशत मोनोअनसैचुरेटेड वसा से युक्त होता है। वसा का यह संयोजन इसे वजन घटाने और बेहतर हृदय स्वास्थ्य के लिए एक बेहतरीन विकल्प बनाता है। दूसरी ओर वनस्पति तेलों में विभिन्न वसा संरचनाएं होती हैं। उदाहरण के लिए नारियल के तेल में संतृप्त वसा की मात्रा सबसे अधिक होती है। हालांकि, इसका मतलब यह नहीं है कि सभी वनस्पति तेल स्वास्थ्य के लिए सही नहीं हैं।
वनस्पति तेलों से ज्यादा पोषण देता है जैतून तेल
वर्जिन जैतून तेल को बहुत कम रिफाइंड प्रक्रिया से होकर गुजरना पड़ता है, जिसके कारण इसमें जैतून का एक अलग स्वाद होता है और इसमें अधिक पोषक तत्व होते हैं। दूसरी तरफ वनस्पति तेलों को अधिक रिफाइंड प्रक्रिया से गुजरना पड़ता है, जिससे तेलों से अशुद्धियां दूर हो जाती हैं और उनकी शेल्फ लाइफ बढ़ जाती है, लेकिन इनके अधिकांश पोषक तत्व खो जाते हैं। ऐसे में वनस्पति तेलों की बजाय वर्जिन जैतून तेल को चुनना बेहतर है।
जैतून और वनस्पति तेलों से मिलने वाले स्वास्थ्य लाभ
जैतून के तेल में विटामिन-E और विटामिन-K होते हैं। साथ ही तेल में मौजूद कैरोटीनॉयड और पॉलीफेनोल्स जैसे एंटी-ऑक्सीडेंट प्रतिरक्षा को बढ़ावा देने, त्वचा की उम्र बढ़ने को धीमा करने और मधुमेह समेत हृदय रोग का खतरा दूर करने में मदद कर सकते हैं। जैतून के तेल की तुलना में अधिकांश वनस्पति तेलों में संतृप्त वसा की मात्रा अधिक होती है। इसके अलावा इसमें कम पोषक तत्व और एंटी-ऑक्सीडेंट होते हैं।